मुसलमानों के ‘सब-कोटे’ पर मोदी ने दी नीतीश को चुनौती

gopal namoगोपालगंज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू प्रसाद के गृह जिले में महागठबंधन को निशाने पर लेते हुए नीतीश कुमार से सवाल किया कि क्या वह ‘जंगलराज’ के पुराने दिनों को वापस लाना चाहते हैं। साथ ही दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के आरक्षण कोटे में से 5 प्रतिशत ‘एक समुदाय’ को देने की साजिश संबंधी अपने आरोप को दोहरा कर दावा किया कि खुद नीतीश कुमार ने 2005 में संसद में मुसलमानों के लिए ‘सब कोटा’ की व्यवस्था करने की वकालत की थी। मोदी ने कहा कि पुराने दिन नीतीश कुमार को मंजूर हो सकते हैं, बिहार की जनता को नहीं।

मोदी ने चुनावी सभा में कहा, ‘नीतीश कुमार ने 24 अगस्त, 2005 को ही अपने इरादे साफ कर दिए थे। लेकिन, जब मैंने आरोप लगाया कि वे अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और अति पिछड़ों के आरक्षण कोटे में से 5% एक समुदाय विशेष को दे देंगे तो वे अपना आपा खो बैठे। भारतीय संविधान के निर्माता भी इसके खिलाफ (धर्म के आधार पर आरक्षण) थे।’ उन्होंने कहा कि मेरे पास दस्तावेज हैं कि अगस्त, 2005 को संसद में उन्होंने (नीतीश) क्या कहा था। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है तो इसका जवाब दें। वह इतने बड़े झूठ बोलते हैं और घटिया बातों में शामिल होते हैं। यह खेल ज्यादा दिन नहीं चलेगा।’

चुनाव के अंतिम चरणों में बीजेपी की प्रचार रणनीति को विकास की बजाय जाति और समुदाय आधारित करने को सही ठहराते हुए मोदी ने कहा, ‘क्या पिछड़े, अति पिछड़े और दलित का बेटा विकास की बात नहीं करे। आज कल वे कह रहे हैं कि मोदी ने चुनाव का प्रोफाइल बदल दिया। वे कह रहे हैं कि मोदी पहले विकास की बातें करता था, लेकिन अब अपनी अति पिछड़ी जाति की पृष्ठभूमि के बारे में बातें कर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘क्या सिर्फ आपको विकास की बातें करने का अधिकार है। यह उनका अहंकार है, जिसके चलते वे ऐसी बातें कर रहे हैं। मोदी ने लालू और नीतीश के शासनों के दौरान हुए घोटालों के नाम भी गिनाए।

मोदी ने पलटवार करते हुए कहा, ‘क्या आप ही के पास विकास के बारे में बात करने का अधिकार है। ये उनका अहंकार है, जिसकी वजह से वे ये सब कहते हैं। उन्होंने कहा, ‘नीतीशजी व्यंग्य करते हैं कि हमारे पुराने दिन ही हमें वापस लौटा दीजिए। आप पुराने दिनों को याद करें, जब अपहरण रोजमर्रा की बात थी, महिलाओं को बेआबरू किया जाता था, दलितों का दमन होता था, चोरियां होती थीं। जंगलराज में क्या होता था? क्या उन्होंने इस इलाके (गोपालगंज) को मिनी जंगलराज में नहीं बदल दिया था।’


वोटरों से उन्होंने कहा, ‘यहां रेलवे स्टेशनों पर अंधाधुंध गोलियां चला करती थीं। यहां केवल एक चीज हुआ करती थी, जो अपहरण था। क्या आप उन पुराने दिनों को वापस लाना चाहते हैं। नीतीशजी, सत्ता के लालच में पुराने दिन आप को स्वीकार्य हो सकते हैं लेकिन बिहार की जनता को नहीं।’

बीजेपी के सत्ता में आने पर कानून का राज और युवाओं के लिए रोजगार का वादा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार का चुनाव उन लोगों को दंडित करने का अवसर है, जिन्होंने पिछले साठ सालों में बिहार को लूटा है। इनमें वे 25 साल भी शामिल हैं जब ‘बड़े भाई और छोटे भाई’ (लालू-नीतीश) ने राज्य में शासन किया। युवाओं तक पहुंचने का प्रयास करते हुए मोदी ने क्षेत्र से पलायन के मुद्दे की चर्चा की जहां युवा खाड़ी के देशों में जाते हैं। उन्होंने अपनी अबू धाबी की यात्रा को याद किया जहां उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रवासी मजदूर गोपालगंज और सीवान के थे।

मोदी ने कहा, ‘जब तक बड़ा भाई और छोटा भाई सत्ता में रहेंगे क्या आपको रोजगार मिलेगा। क्या ‘बड़े भाई’ को अपने पुत्रों और परिवार के सदस्यों के अलावा किसी और के बारे में कोई चिंता है। पिछली बार जब वह जेल गए थे तो उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया था।’ उन्होंने कहा, ‘जब जब वह जानते हैं कि उन्हें अपना बाकी जीवन जेल में बिताना है तो वह अपने बेटों को बागडोर संभालने के लिए जल्द तैयार होने को कह रहे हैं। अपने देश में यह किस तरह का खेल चल रहा है। क्या बिहार को ऐसे भाई-भतीजावादियों के हवाले किया जाना चाहिए।’

मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘नीतीश बाबू, जीत हार चुनाव का हिस्सा है, लेकिन आप इतने क्रोधित क्यों हैं। मोदी के प्रति ऐसा करके थक जाने के बाद आपने अब बिहारियों को अपमानित करना शुरू कर दिया है। बिहारियों को अपमानित करना आपको मंहगा पड़ेगा। उन्होंने यह आरोप लगाया है कि लोग पैसे लेकर मोदी की सभाओं में आ रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने सवाल किया, ‘क्या यह झूठ नहीं है? क्या यह आपका अपमान नहीं है? क्या यह बिहारियों का अपमान नहीं है? बिहारियों को यह कहने का पाप करना कि उन्हें खरीदा जा सकता है, क्या नीतीश कुमार को भारी नहीं पड़ेगा? बिहारियों के आत्सम्मान को आहत नहीं कीजिए। यहां तक कि गरीब से गरीब भी इस बात को बर्दाश्त नहीं करेगा अगर आप कहेंगे कि उसे खरीदा जा सकता है।’ यूपीए सरकार के दौरान हुए 2जी घोटाले और कोयला घोटाले का उल्लेख करते हुए मोदी ने दावा किया कि एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से उनकी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘वे लोग मेरे बारे में अपशब्द कह रहे हैं, लेकिन एनडीए के 16 महीने के शासन में एक भी पैसे के भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।’ उन्होंने नीतीश सरकार पर उनके दो मंत्रियों के स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े जाने को लेकर निशाना साधा। मोदी ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर कोई भ्रष्टाचार करते हुए पकड़ा जाएगा तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और उसमें स्कूल खोला जाएगा। लालू जी भ्रष्टाचार के लिए जेल गए थे। तब नीतीश ने उनके मकान को जब्त क्यों नहीं किया। उन्होंने वहां या दो मंत्रियों के घर में स्कूल क्यों नहीं खोला। वह जनता को बेवकूफ क्यों बना रहे हैं?’

 

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