मुस्लिमों के ‘हित’ में बोलकर घिरे उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की ओर से एक कार्यक्रम में सरकार को मुस्लिमों के संरक्षण के लिए कदम उठाए जाने की नसीहत दिए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हामिद अंसारी के खिलाफ हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। वीएचपी ने मुस्लिमों के लिए ‘सकारात्मक कदम’उठाने की उप राष्ट्रपति की टिप्पणी की मंगलवार को आलोचना करते हुए कहा कि यह सांप्रदायिक बयान है। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी हामिद अंसारी के इस बयान को उपराष्ट्रपति पद की गरिमा के विपरीत करार दिया है। कैलाश ने कहा कि उनका बयान ऐसा है, जैसे वह किसी एक समुदाय के नेता हों।
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र जैन ने कहा कि उप राष्ट्रपति के पद को पूरा सम्मान देते हुए वीएचपी अंसारी के सांप्रदायिक बयान की निन्दा करती है । यह एक मुस्लिम राजनेता ने बयान दिया और इस तरह का बयान उप राष्ट्रपति पद के व्यक्ति को शोभा नहीं देता। अंसारी या तो माफी मांगें या फिर इस्तीफा दें । उन्होंने कहा कि अंसारी उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर सक्रिय राजनीति में शामिल हों। जैन ने कहा कि भारतीय मुस्लिमों को दुनिया के कई अन्य इस्लामिक देशों के मुकाबले अधिक संवैधानिक अधिकार हासिल हैं। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिमों को कई वर्षों से विभिन्न जरियों से मनाया जाता रहा है । उप राष्ट्रपति ने मोदी सरकार के आधिकारिक उद्देश्य ‘सबका साथ सबका विकास’ की तर्ज पर मुस्लिमों की पहचान एवं सुरक्षा से जुडी समस्याओं के समाधान के लिए ‘सकारात्मक कदम’ उठाए जाने की मांग की है।
अंसारी ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि जहां तक वंचित रखने, बाहर करने और भेदभाव (सुरक्षा मुहैया कराने में विफलता) का प्रश्न है, सरकार या उसके प्रतिनिधियों की चूक सरकार को ही जल्द से जल्द सुधारनी है और इसके लिए उचित व्यवस्था विकसित की जाए।
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