मोदी का नीतीश पर तंज- कमरे में आकर मुझे चांटा मार देते, थाली क्यों छीनी?

bihar12तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली/मुजफ्पफरपुर/पटना। शनिवार को बिहार दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर में एनडीए की परिवर्तन की रैली को संबोधित किया। इससे तीन घंटे पहले ही वे पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ एक मंच पर थे। लेकिन मुजफ्फरपुर आते ही उन्होंने नीतीश पर निशाना साधा। कहा- समझ सकता हूं कि मेरा चेहरा पसंद न आता हो। लेकिन मैं इतना बुरा था तो कमरे में आकर एक चांटा मार देते, गला घोंट देते। गुस्से में आ कर पूरे विकास यात्रा का गला घोंट दिया? थाली ही छीन ली?
मोदी ने यह भी कहा- जो कभी मेरे ट्वीट का मजाक उड़ाते थे, मुझसे कहते थे कि बिहार मत आओ, आज उन्होंने मेरा स्वागत किया। जीतनराम मांझी को हटाए जाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश का डीएनए ही गड़बड़ है। मोदी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को भी आड़े हाथ लिया। बोले- आरजेडी यानी रोजाना जंगलराज का डर।
1. नीतीश पर तंज, कहा- मेरा 14 महीने का विरह उन्हें परेशान कर रहा है
 मोदी ने कहा- यहां के नेता ट्वीट का मजाक उड़ाते थे। …मेरा मजाक उड़ाते थे। आज उन्होंने भी चहकने का रास्ता पंसद किया है। उन्होंने (नीतीश ने) ट्वीट किया कि आप (पीएम) 14 महीने बाद बिहार आ रहे हैं, आपका स्वागत है। मुख्यमंत्री जी! स्वागत के लिए मैं बहुत आभारी हूं। वक्त कैसे बदलता है। बदले हुए वक्त का अंजाम कैसा होता है? यह देखिए। वे कहा करते थे कि हमारे पास एक मोदी है। दूसरे मोदी की क्या जरूरत है? आप बिहार मत आइए। आपको बिहार आने की क्या जरूरत? आज देखिए अपनों का विरह कितना परेशान, बैचेन करता है। पिछले 10 साल जो पीएम थे वो 10 साल में एक बार हवाई निरीक्षण करने आए थे। मेरा 14 महीने का विरह भी यहां के सीएम को दुखी कर रहा है, परेशान कर रहा है।
 मोदी ने यह भी कहा- मैं कभी कभार समझ सकता हूं कि एक व्यक्ति के लिए नाराजगी हो सकती है। चेहरा पसंद न आता हो। लेकिन अरे भाई इतना मैं बुरा था, कमरे में आकर चांटा मार देते, गला घोंट देते। एक व्यक्ति के प्रति गुस्से में आ कर पूरे विकास यात्रा का गला घोंट दिया? अगर ऐसे लोग सरकार बनाएंगे और दिल्ली से कोई नाता ही नहीं रहेगा तो बिहार का भला होगा क्या? क्या एक सरकार दूसरी सरकार से लड़ती रहे तो राज्य का विकास होगा? लड़ाई वाली सरकार चाहिए या कंधे से कंधा मिला कर चलने वाली सरकार चाहिए?
 2. लालू पर निशाना- जनता को तो जहर पीने के लिए मजबूर मत करो
 नीतीश ने हाल ही में एक ट्वीट किया था- जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग। इसे नीतीश का लालू के लिए लिखा गया ट्वीट माना गया। इस पर मोदी ने कहा- लालू आपने तो जहर पीया, क्योंकि आपका स्वार्थ है। लेकिन यदुवंशियों को क्यों पीछे छोड़ा? कौन सांप है, कौन सांप नहीं है, यह तुम दोनों तय कर लो। जहर कौन पीता है, कौन पिलाता है, यह भी तय कर लो। लेकिन बिहार की जनता को जहर पीने के लिए मजबूर मत करो। आज मैं आग्रह से कहने आया हूं। बिहार को हम ऐसे तत्वों पर नहीं छोड़ सकते। दोबारा जंगलराज नहीं आने देंगे। ये आरजेडी का पूरा अर्थ मालूम है? मैं बताता हूं- रोजाना जंगलराज का डर।
 3. एनडीए के लिए जनता से कहा- एक बार हमें भी आजमा कर देखिए
 मोदी ने कहा- आज बिहार उसी जंगल राज की ओर घसीटा जा रहा है। क्या मौत का खेल दोबारा चाहिए? लूट-खसोट दोबारा चाहिए? राज्य को इस हालत में छोड़ा नहीं जा सकता। ये चुनाव किसकी सरकार बने न बने, इसके लिए नहीं है। आपने हर किसी को आजमा लिया है। हर प्रकार के मॉडल देख चुके हैं। एक बार हमें भी आजमा कर देखिए। दिल्ली सरकार का लेखाजोखा देखिए। दिल्ली में मोदी की सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री बिहार के हैं। सबसे महत्वपूर्ण मंत्री बिहार से हैं। एक प्रकार से बिहार के ये नेता पूरे हिंदुस्तान को चला रहे हैं। सारे पॉलिटिकल पंडित देख लें इस रैली को, नतीजा साफ हो जाएगा कि अगली सरकार किसकी बनने वाली है। हम जिम्मेवारियों से भागने वाले लोग नहीं है, जिम्मेवारियों को लेने वाले लोग हैं।
 4. मांझी के बहाने भी नीतीश पर निशाना, कहा- जब जीतन राम पर जुल्म हुआ तो मैं बेचैन हो गया
 मोदी ने कहा- क्या राजनीति में इतनी छुआछूत होती है? टेबल पर परोसी हुई थाली खींच लेना? इससे बहुत ठेस लगी थी। लेकिन जब जीतन राम मांझी पर जुल्म हुआ तो मैं बेचैन हो गया। एक चाय वाले के बेटे की थाली खींच ली तो क्या हुआ? लेकिन जब महादलित की थाली खींच ली तो मुझे लगा कि इनके डीएनए में ही गड़बड़ी है।
 5. बिहार को पैकेज के बारे में कहा- अभी संसद चल रही है, इसलिए जुबान पर ताला लगा है
 मोदी ने कहा- लोकसभा चुनाव के वक्त मैंने बिहार की जनता के साथ संवाद किया था। मैंने कहा था- दिल्ली में सरकार बनेगी और पूरी योजना बनने लगेगी तो बिहार को 50 हजार करोड़ रुपए का पैकेज देंगे। वो वादा मैं निभाऊंगा। सिर्फ 50 हजार करोड़ से बात नहीं बनेगी। संसद चल रही है इसलिए जुबान पर ताला लगा हुआ है। संसद खत्म होते ही खुद आकर बता दूंगा कि कितना बड़ा पैकेज दूंगा।
 

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