मोदी के बुलेट ट्रेन के सपने पर पानी फेरेगा रेलवे

बुलेट छोड़िए, कोहरे में राजधानी और शताब्दी भी नहीं चला पाएगी रेलवे
लखनऊ/इलाहाबाद। मोदी सरकार भले ही देश में बुलेट ट्रेन चलाने का सपना देख रही हो, लेकिन रेलवे कोहरे के दौरान अपनी प्रीमियम ट्रेनों को भी चलाने की हालत में भी नहीं है। कोहरे के दौरान ट्रेनों के संचालन के लिए तैयार रणनीति में पहली बार राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों के फेरे कम किए गए हैं। इससे पहले इन ट्रेनों को हर हाल में चलाने की कोशिश होती रही है। रेलवे ने ट्रेनों के फेरे कम करने की आड़ में कई दूसरी वीआइपी ट्रेनों को भी इस लिस्ट में शामिल कर लिया है। जिसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ेगा।
रेलवे की रणनीति के तहत कड़ाके की ठंड के दौरान लगभग दो महीने तक 10 ट्रेनों को कैंसल रखा जाएगा। 4 का पार्सल कैंसलेशन और इतनी ही ट्रेनों का रूट डायवर्जन करने का प्लान है। जबकि 212 ट्रेनों के फेरे कम कर उन्हें चलाया जाएगा। यह प्लान अगले साल 8 जनवरी से 29 फरवरी के बीच लागू रहेगा। रेलवे का दावा है कि, प्लान लागू होने के करीब चार महीने पहले इसे जारी कर यात्रियों को रिजर्वेशन में सहूलियत देने का प्रयास किया गया है।
इनमें अधिकांश ट्रेनें रोज चलने वाली हैं। जिनके फेरे घटाकर दो से तीन दिन कर दिए गए हैं। यह पहली बार होगा जब राजधानी और शताब्दी ट्रेनों को कोहरे से प्रभावित ट्रेनों की लिस्ट में शामिल किया गया है।
इस बारे में नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ बिजय कुमार का कहना था, ‘रेलवे की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है। रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों के संचालन की रणनीति तैयार की है। हम इसी के अनुरूप काम करेंगे। यात्रियों की सुरक्षा से किसी प्रकार खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।’
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