मोदी पर खुलकर बोले भागवत, बाकी मुद्दों पर इशारों में बात

bhagwatतहलका एक्सप्रेस

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को अपने बहुप्रतीक्षित दशहरा संबोधन में नाम लिए बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके इस पद पर आने के बाद से देश में आशा और उत्साह का माहौल है। देश में हाल के समय में घटीं असहिष्णुता की घटनाओं पर भागवत ने एकता की अपील करते हुए कहा कि ‘छोटी-छोटी घटनाएं’ हिंदू संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। भागवत ने हालांकि सांप्रदायिक और जातीय तनाव की हालिया घटनाओं का सीधा जिक्र नहीं किया।

नागपुर में संघ के मुख्यालय में दशहरा पर्व पर अपने वार्षिक संबोधन में भागवत ने सामाजिक और आर्थिक असमानता दूर करने के मकसद से संविधान में किए गए प्रावधानों के लिए दलित महानायक बी आर अम्बेडकर की सराहना की। आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा संबंधी उनके हालिया सुझाव ने बिहार चुनाव में बीजेपी को मुश्किल स्थिति में डाल दिया था। उनके 55 मिनट के भाषण का दूरदर्शन ने लगातार दूसरे साल सीधा प्रसारण किया।

अपने भाषण में उन्होंने जनसंख्या पर एक संपूर्णता में विचार विमर्श का आह्वान किया और कहा कि इसका लगातार बढ़ते जाना एक बोझ बन गया है । भागवत ने कहा, ‘छोटी-छोटी घटनाएं होती हैं। उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं लेकिन ये भारतीय संस्कृति, हिंदू संस्कृति को विकृत नहीं करती। प्राचीन काल से यह विभिन्नता का सम्मान करती है, एकता स्थापित करने के लिए भिन्नताओं के बीच समन्वय करती है यह हिंदूत्व है।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा देश एकजुट रहा है और एकजुट रहेगा। संघ पिछले 90 साल से देश को हिंदुत्व के आधार पर एकजुट रखने के लिए काम करता आ रहा है।’

कई हिंदुत्ववादी तत्वों द्वारा मुस्लिम आबादी पर नियंत्रण लगाने की बार-बार की जा रही मांग के बीच भागवत ने किसी समुदाय का नाम लिए बिना ‘सभी पर लागू होने वाली एक समान जनसंख्या नीति’ का समर्थन किया। उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए देश में कोई समग्र विचार-विमर्श नहीं हुआ। भागवत ने कहा, ‘आबादी बढ़ने के साथ देश पर बोझ बढ़ेगा। जनसंख्या में वृद्धि एक दौलत भी है। यदि हमें अधिक लोगों का पेट भरना पड़ेगा तो हमारे पास काम करने के लिए भी ज्यादा हाथ होंगे। इसलिए हमें 50 सालों के लिए योजना बनानी होगी कि कैसे लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध कराए जाएं।’

संघ प्रमुख ने देश में उम्मीद और विश्वास का माहौल पैदा करने तथा विदेश में भारत की प्रतिष्ठा मजबूत करने के लिए नाम लिए बिना मोदी सरकार की सराहना की। केंद्र की सराहना करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सरकार ने लोगों के दिल में उम्मीद और विश्वास पैदा किया है, जो कि पिछली सरकार के कार्यकाल में एकदम नीचे चला गया था। भागवत ने कहा, ‘दो साल पहले निराशा का माहौल था। अब हमें चिंता नहीं है। अब उम्मीद और विश्वास का माहौल पैदा हुआ है, इसलिए बहुत ऊंची उम्मीदें हैं।’ उन्होंने साथ ही कहा कि जन धन, स्वच्छ भारत और मुद्रा बैंक योजनाएं तथा गैस सब्सिडी को त्यागना एक ‘अच्छा शगुन’ है। उन्होंने कहा कि हालांकि अर्थव्यवस्था को रसातल से निकाल कर लाने में कुछ समय लगता है।

दशहरा संबोधन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी शिरकत की। भागवत ने कहा, ‘विश्व में नव भारत के उत्थान का एक विचार है। दुनिया में जब भी कोई संकट आया है, हम मदद के लिए आगे आए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘समाज, सरकार और प्रशासन को देश में सतत परिवर्तन के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’

 

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