मोदी सरकार की सक्रियता से विदेशों में जमा कालेधन में कमी: अरुण जेटली
अहमदाबाद। फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि कालाधन के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार की दो साल की ‘सक्रियता’ से विदेशों में भारतीयों द्वारा जमा अवैध राशि में उल्लेखनीय कमी आई है। जेटली ने कहा कि जी-20 देशों द्वारा शुरू की गई कार्रवाई के साथ ही नई टेक्नॉलजी लागू करने से भी लोगों के लिए देश-विदेश में कालाधन छिपाना मुश्किल होगा।
मोदी सरकार में ताकतवर मंत्री जेटली ने कहा, ‘आज उन लोगों में घबराहट है, जो देश के बाहर संपत्ति रखे हुए हैं।अगर आप 1947 से 2014 को देखें तो उस दौरान जो भी कदम उठाए गए, वह पिछले दो साल में इस सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के मुकाबले नगण्य लगते हैं।’
वह यहां सरकार की आय खुलासा योजना (आईडीएस) के बारे में लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसके तहत कर चोरी करने वालों को अघोषित आय का खुलासा करने के लिए समय दिया गया है। वे 30 सितंबर तक 45 प्रतिशत का भुगतान कर पाक-साफ हो सकते हैं। मंत्री ने कहा, ‘हाल की रिपोर्टें संकेत देती हैं कि देश के बाहर रखे गए धन की मात्रा में उल्लेखनीय कमी आई है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप पिछले दो सालों में सक्रियता को देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो पहला निर्णय किया, वह उच्चतम न्यायालय के निर्देश को स्वीकार करना तथा सुप्रीम कोर्ट के ही दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के साथ एसआईटी का गठन था।’ जेटली ने कहा कि कालाधन के खुलासे के लिए मोहलत तथा एचएसबीसी, इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) तथा पनामा दस्तावेज खुलासे के आधार पर कार्रवाई समेत सरकार के सामूहिक प्रयासों से विदेशों में रखे गए काले धन को वापस लाने में मदद मिली है। कई लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।
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