मोदी से मिलने पहुंची नेताजी की फैमिली, फाइलें पब्लिक करने की हो सकती है मांग

कोलकाता/नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के फैमिली मेंबर्स और स्कॉलर्स का एक ग्रुप बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचा है। 51 लोगों के इस ग्रुप में नेताजी के परिवार से जुड़े 36 लोग हैं, बाकी एक्सपर्ट और स्कॉलर्स हैं। यह ग्रुप पीएम से मांग कर सकता है कि नेताजी से जुड़ी फाइलें पब्लिक की जाएं। करीब 130 फाइलें केंद्र सरकार और पीएमओ के पास पिछले 70 साल से मौजूद हैं। इन फाइलों को सीक्रेट बताकर अब तक किसी भी सरकार ने पब्लिक नहीं किया। नेताजी की फैमिली मोदी को एक ‘नेताजी जैकेट’ भी गिफ्ट करने वाली है।
वक्त बताएं कि कब पब्लिक करेंगे फाइल्स
नेताजी के परपोते चंद्र बोस ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, “हम पीएम से वादा चाहेंगे कि वह देश और विदेश में मौजूद नेताजी से जुड़ी फाइलें सामने लाएं। यह काम भी तय वक्त के अंदर होना चाहिए।” फैमिली मेंबर्स पीएम से यह मांग भी करेंगे कि सरकार एक हाई लेवल कमिटी बनाए जो चीन, रूस, जापान और ब्रिटेन में मौजूद नेताजी से जुड़ी फाइलों या सूचनाओं को भारत लाए और उसे पब्लिक करे। चंद्रा ने कहा कि हम पीएम से यह मांग भी करेंगे कि सरकार नेताजी के भाई शरत चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से जुड़ी फाइलें भी पब्लिक करे ताकि देश की जनता सच्चाई जान सके।
51 लोगों में कौन-कौन?
पीएम से मिलने वाले 51 लोगों में 36 लोग नेताजी की फैमिली से हैं। बाकी 15 लोगों में स्कॉलर्स और एक्सपर्ट हैं। नेताजी के परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला शीला सेनगुप्ता, परपोते अभिजीत रॉय, भतीजे अर्द्धेंदु बोस और भतीजी चित्रा घोष पीएम से मुलाकात करने जा रहे लोगों में शामिल हैं। नेताजी पर रिसर्च करने वाले लेखक अनुज धर और डिफेंस एक्सपर्ट रिटायर्ड जनरल जी.डी. बख्शी भी इस ग्रुप में शामिल हैं।
सरकार क्यों पब्लिक नहीं करती फाइलें?
पिछले 70 साल में कोई भी सरकार ने नेताजी से जुड़ी फाइलें पब्लिक करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। सरकार का कहना है कि इन फाइलों में बेहद सेंसेटिव इन्फॉर्मेशन है। अगर इन फाइलों को पब्लिक किया जाता है तो भारत के कुछ देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं।
और बोस परिवार क्या सोचता है?
सरकार के दूसरे देशों से रिश्ते बिगड़ने की आशंका पर बोस परिवार का कहना है कि सरकार ये तो बताए कि रिश्ते क्यों खराब होंगे? चंद्रा बोस कहते हैं, “सरकार देश के लोगों के सामने सच्चाई लाना चाहती है या दूसरे देशों को खुश रखना चाहती है।” चंद्रा का कहना है कि 1945 के बाद नेताजी चीन में थे। लेकिन इस लिंक की जांच कभी और क्यों नहीं की गई? बोस कहते हैं कि जब तक सारी जानकारी एक साथ रखकर इसकी जांच नहीं की जाएगी तब तक नेताजी से जुड़ा सच सामने नहीं आएगा। बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में नेताजी से जुड़ी 64 फाइलें पब्लिक की थीं। इनमें कुछ जानकारी तो सामने आती है लेकिन पूरा सच नहीं।
पीएम को गिफ्ट करेंगे नेताजी जैकेट
फैशन डिजाइनर अर्णब सेनगुप्ता भी इस ग्रुप के साथ पीएम से मिलने वाले हैं। सेनगुप्ता ‘मिशन नेताजी’ नाम का ग्रुप चलाते हैं। वे पीएम को एक ‘नेताजी जैकेट’ गिफ्ट करेंगे। इस जैकेट पर नेताजी का प्रोफाइल प्रिंट है। देखने में यह नेहरू जैकेट जैसा ही है जो पीएम पहनते भी हैं।
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