मोदी से हिसाब बराबर करने के लिए नीतीश-लालू पर छलकेगी दीदी की ममता

नई दिल्ली/कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिहार के नीतीश-लालू महागठबंधन का समर्थन करने का फैसला किया है। ममता की योजना इन दोनों नेताओं के साथ मिलकर ‘मोदी हटाओ’ आंदोलन भी शुरू करने की है। गैर-बीजेपी फ्रंट की ताकत दिखाने के लिए बनर्जी बिहार में नीतीश कुमार के साथ रैली भी कर सकती हैं।
ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और गैर-बीजेपी पार्टियों की कई दौर की बैठकों से पता चलता है कि ममता और मोदी के बीच रिश्तों की मिठास खत्म हो चुकी है। तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता और पार्टी सांसद ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, ‘दीदी शारदा घोटाले से खुद को पूरी तरह मुक्त करना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने कई बिलों को पास कराने में बीजेपी का समर्थन भी किया। दरअसल, बीजेपी इसके एवज में भूमि अधिग्रहण बिल पर भी समर्थन की उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।’
उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगा भी कि हम बिल का समर्थन करेंगे। हालांकि, अंदरूनी चर्चाओं में उन्होंने (बनर्जी) कहा कि वह कभी भूमि अधिग्रहण बिल का समर्थन नहीं करेंगी। फिलहाल शारदा की जांच अपनी रफ्तार से चल रही है और दीदी मोदी के खिलाफ अपना अभियान तेज करेंगी।’ पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, बनर्जी ने नीतीश कुमार को यह संकेत देने शुरू कर दिए हैं कि वह ‘वृहत सेक्युलर मोर्चा’ की ताकत दिखाने के लिए बिहार में रैली करना चाहेंगी।
इस बारे में पूछे जाने पर तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष और सांसद सुल्तान अहमद ने बताया, ‘दीदी के नीतीश कुमार से अच्छे संबंध हैं। हम इस चुनाव में उनका समर्थन करते हैं। इसी वजह से दीदी ने बिहार में उम्मीदवार उतारने का विचार छोड़ दिया। अगर उन्हें आमंत्रित किया जाता है, तो वह निश्चित तौर पर पटना जाकर नीतीश के समर्थन में बड़ी रैली को संबोधित करेंगी। हम सभी जानते हैं कि इस चुनाव में बीजेपी की हार से लोगों के बीच अहम संदेश जाएगा। इसका राष्ट्रीय राजनीति में भी दीर्घकालिक असर होगा।’
बनर्जी पहले ही फेडरलिज्म पर दिल्ली में सेमिनार में हिस्सा लेने पर सहमत हो चुकी हैं। वह 22 सितंबर को इस विषय पर भाषण देंगी, जिसका आयोजन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया है। इसी दिन उनका कुछ गैर-एनडीए नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है। तृणमूल संसदीय पार्टी के नेता सुदीप बनर्जी ने बताया, ’22 सितंबर को होने वाली बैठक काफी अहम है। इस बैठक में हम महत्वपूर्ण फैसले की उम्मीद कर रहे हैं।’
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