मोहम्मद साहब को ‘भाई’ बताकर बुरे फंसे मौलवी साहब

mohammad-sahabअहमदाबाद। पैगंबर मोहम्मद साहब और इंसानों को समान बताने वाले सरसपुर (अहमदाबाद) के एक मौलवी साहब का साथ गुजरात हाई कोर्ट ने भी नहीं दिया है। मौलवी साहब पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का चार्ज है, जिसे खत्म करने के लिए उन्होंने कोर्ट से अपील की थी। हालांकि, कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि चूंकि मौलवी के खिलाफ चार्जशीट फाइल हो चुकी है, इसलिए उन्हें ट्रायल से तो गुजरना पड़ेगा।

मौलवी साहब ने अपने एक भाषण के दौरान कहा था कि सभी इंसान मोहम्मद साहब के भाई हैं और सभी को उन्हें ‘भाई’ कहकर ही संबोधित करना चाहिए। मौलवी साहब ने 2009 में यह भाषण दिया था। जिसके बाद सुन्नी अवामी फोरम के सेक्रेटरी ने मार्च, 2010 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी। मौलवी साहब को गिरफ्तार किया और बाद में बेल पर छोड़ दिया गया। उनके खिलाफ एक चार्जशीट भी फाइल की जा चुकी है।

इसके बाद मौलवी साहब ने कोर्ट के सामने अर्जी रखी की, उनके ऊपर लगे चार्ज हटाए जाएं। कोर्ट में उनके पक्ष में दलील रखी गई कि जो लोग तकरीर के दौरान मौजूद थे, उन्होंने मौलवी साहब के इस भाषण पर कोई आपत्ति नहीं जताई और जो मौके पर मौजूद नहीं था, उसे आरोप लगाने का अधिकार नहीं। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

 

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