म्हाडा का मकान ठुकरा चुके विधायक की अपील

27 Mhadawww.tahalkaexpress.com मुंबई। गरीबों के कोटे में विधायकों को सरकारी एजेंसी ‘म्हाडा’ के मकान दिए जाने का समाचार ‘एनबीटी’ ने छापा था। इसका चारों तरफ विरोध हो रहा है। महाराष्ट्र विधानमंडल के सदस्य इसके विरोध में सामने आ रहे हैं। निर्दलीय विधायक कपिल पाटील ने गरीबों के घरों में विधायकों का कोटा रद करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस आशय का पत्र लिखा है।

गत बुधवार को ‘एनबीटी’ में छपे समाचार ‘गरीबों को घर एमएलए को’ में बताया गया कि कैसे म्हाडा के गरीबों के लिए बने मकान सांसदों और विधयकों को दिए जा रहे हैं। कुल 172 मकानों की लॉटरी निकलनी है, जिनमें 19 मकान सांसदों-विधायकों के लिए आरक्षित रखे गए हैं। अखबार में छपे आरटीआई विशेषज्ञ अनिल गलगली के बयान का उल्लेख विधायक ने अपने पत्र में किया है। विधायक ने लिखा, ‘मुंबई में सामान्य नागरिकों को घर नहीं मिलते। लोग सड़क पर, फुटपाथ पर, झोपड़ों में आसरा तलाशते हैं। जिनसे यह नहीं जमता, वे लोग वसई, विरार, पालघर, कल्याण, डोंबिवली, कर्जत, कसारा जैसे सुदूर उपनगरों में घर ढ़ूढ़ते हैं। रोजाना (लोकल में) लटककर यात्रा करनी पड़ती है। क्योंकि मुंबई में घर खरीदना उनके वश के बाहर होता है। ऐसा नहीं है कि म्हाडा के घर सस्ते होते हैं। इसमें भी विधायिका के सदस्य हिस्सा बंटाएं, यह बात मन को नहीं पटती।’

पाटील ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि म्हाडा के मकान सामान्य लोगों के लिए हैं। इसमें सासंदों, विधायकों, नगरसेवकों, आईएएस अफसरों और न्यायपालिका के सदस्यों के लिए जगह न बनाई जाए। महान कलाकारों, पत्रकारों, साहित्यकारों, खिलाड़ियों के लिए मकान आरक्षित रखे जाने चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि सामान्य आदमी की तरह लाइन लगाकर विधायक को बिना कोटे के मकान अलॉट हो जाए, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

———-

वापिस कर दिया था मकान

कपिल पाटील को 2009 को म्हाडा के विधायक कोटे में मकान अलॉट हुआ था। इस लॉटरी में 4883 लोगों मकान में लगे थे। बाकी बचे चार लाख 29 हजार 470 लोगों को निराश होना पड़ा था। इसके दुख से पीड़ित विधायक ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को 23 मई 2009 को पत्र लिखकर म्हाडा का घर वापिस कर दिया था।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button