यदि यूएस-ईरान में वैमनस्य मिट सकता है तो भारत-पाक में क्यों नहीं: महबूबा

mufti03www.tahalkaexpress.com जम्मू । भारत एवं पाक के बीच सुलह की वकालत करते हुए जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि भारत एवं पाकिस्तान को ठीक उसी तरह क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि का नया दौर शुरू करना चाहिए जैसा कि हाल में अमेरिका एवं ईरान ने वैमनस्य को समाप्त करके संबंधों का नया दौर शुरू किया है।

महबूबा ने यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, ‘यदि अमेरिका एवं ईरान हाथ मिला सकते हैं तो मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि भारत एवं पाकिस्तान एकसाथ क्यों नहीं आ सकते ताकि स्थिरता बहाल की जा सके तथा क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि का नया दौर शुरू हो सके।’ महबूबा ने पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की भारत एवं पाकितसान को शांति एवं सुलह के लिए मजबूत संदेश देने की परंपरा को लागू करने की बात कही।

उन्होंने अमेरिका एवं ईरान का उदाहरण दिया जो परस्पर कट्टर शत्रु थे और हाल में उन्होंने अपने वैमनस्य को समाप्त किया और संबंधों का नया दौर शुरू किया। सुचेतगढ़ को जम्मू कश्मीर का वाघा बनाने के अपने पिता के स्वप्न को साकार करने के मकसद से उन्होंने कहा कि यदि इस सीमाई कस्बे को अंतरराष्ट्रीय सीमा के सियालकोट के लोगों के साथ आपसी मेलजोल का बिन्दु बनाया जाए तो वह काफी प्रसन्न होंगी।

उन्होंने मीडिया से कहा कि वह भारत एवं पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंध को उजागर करे।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे हैरत होती है कि दोनों पड़ोंसियों के बीच वैमनस्यता यदि खबर बन सकती है तो सांस्कृतिक नजदीकियां क्यों नहीं।’ उन्होंने यह बात सुचेतगढ़ के सीमाई क्षेत्रों एवं बाबा चमलियाल की दरगाह का दौरा करने के बारे में कही। इस दरगाह के प्रति अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों तरफ के लोग श्रद्धा का भाव रखते हैं।

 

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