याकूब की पत्नी को MP बनाने की डिमांड करने वाले सपा नेता का यूटर्न, कहा-यह निजी राय

तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, मुंबई। 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद उसकी पत्नी राहीन को सांसद बनाने की डिमांड करने वाले सपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद फारुक घोसी ने यूटर्न लिया है। घोसी ने शनिवार को कहा कि यह उनकी निजी राय थी। बता दें कि घोसी ने अपनी इस मांग को लेकर मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी भी लिखी थी। सपा नेता ने लिखा था, ”मुंबई बम धमाके के मामले में याकूब के साथ उसकी पत्नी को भी अरेस्ट किया गया था। हालांकि, फिर राहीन को बरी कर दिया गया, लेकिन तब तक वह कई सालों तक जेल में रही। कितनी तकलीफ सही होगी। हम समाजवादियों की एक खूबी है कि मन में जो बात रहे, उसे कहना जरूरी है। आप हमारे नेता हैं, वह भी समाजवादी जिन्होंने मजलूम और असहाय लोगों का हमेशा साथ दिया है। आज मुझे राहीन याकूब मेमन असहाय लग रही है और इस देश में कितने असहाय होंगे, जिनकी लड़ाई हम सबको लड़नी है। मुसलमान आज अपने आपको असहाय समझ रहा है। हमें साथ देना चाहिए और राहीन याकूब को संसद सदस्य बनाकर मजलूम व असहाय लोगों की आवाज बनने देना चाहिए।” इस बीच, खबर है कि 30 जुलाई को याकूब के जनाजे पर मुंबई पुलिस की कड़ी नजर थी। अपराधियों के आने की आशंका को देखते हुए मुंबई पुलिस ने याकूब के जनाजे का वीडियो भी बनाया है। गुरुवार को जिस वक्त याकूब के लिए माहिम दरगाह पर दुआ पढ़ी गई और जब उसे मरीन लाइन्स के बड़ा कब्रिस्तान में दफनाया गया, उस वक्त हजारों लोगों की भीड़ थी। पुलिस को इस बात की आशंका थी कि जनाजे में जरूर कई अपराधी आएंगे, इसके चलते ही जनाजे का वीडियो बनाया गया। जानकारी के मुताबिक, जनाजे के बाद पुलिस उस वीडियो के फुटेज की स्कैनिंग कर रही है। याकूब के जनाजे में दस हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटी थी। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मेमन को फांसी दिए जाने से पहले मुंबई पुलिस ने आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले 526 लोगों को हिरासत में ले लिया था।
याकूब के शव को भले ही फैमिली को दे दिया गया था, लेकिन पुलिस ने पूरी प्लानिंग के साथ ऐसा किया था। उसके शव को तुंरत दफनाने के लिए कहा गया था। पहले ही अंडरटेकिंग ले ली गई थी कि शवयात्रा नहीं निकाली जाएगी। प्रशासन ने ऐसा इंतजाम किया कि याकूब के शव को तुरंत मुंबई लाया गया। जब 12.30 बजे उसका शव पहुंचा तो मुंबई एयरपोर्ट पर कॉरपोरेट एविएशन टर्मिनल से एंबुलेंस निकाली गई। बता दें कि इस रूट का इस्तेमाल केवल वीआईपी के लिए होता है। मुंबई पुलिस के अलावा कुल 35 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए थे। इनमें रैपिड एक्शन फोर्स और सेंट्रल फोर्सेस के जवान भी थे।
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