यादव सिंह से गठजोड़ कर सस्ते भूखंड लेने वालों से सीबीआई जल्द करेगी पूछताछ

लखनऊ। अकूत संपत्ति के मालिक और करोड़ों के भ्रष्टाचार में संलिप्त नोएडा प्राधिकरण के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह के साथ-साथ उनके करीबियों की मुश्किलें जल्द ही बढ़ने वाली हैं| यादव सिंह से गठजोड़ कर करोड़ों के भूखंड सस्ते में हासिल करने वालों को अब सीबीआई के सवालों का जवाब देना होगा। उन्हें बताना होगा कि जमीन हासिल करने के इस खेल में उन्होंने कितनी ऊपरी रकम दी और कितना मुनाफा कमाया।
विश्वसनीय सूत्रों की माने तो सीबीआई यह कवायद इसलिए कर रही है ताकि यह पता चल सके कि यादव सिंह ने अपने कार्यकाल में कालाधन इकठ्ठा किया है| जाँच एजेंसी ने नोएडा प्राधिकरण के आला अफसरों से आवंटित भूखंडों का ब्यौरा जुटा लिया है। इसके तहत सीबीआई ने प्राधिकरण प्रशासन से संबंधित प्लाटों के मूल दस्तावेज हासिल कर लिए हैं।
सूत्रों का कहना है कि एसी-टू विंग की एक टीम यादव सिंह व उसके साथ करीबी रिश्ते रखने वालों के नाम से बनी फर्मों के लेखाजोखा की जांच में जुटी है। जाँच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश में है कि इन फर्मों में यादव सिंह ने कितनी रकम का निवेश किया और कितनी विदेश की कंपनियों को स्थानांतरित की। यह जांच यादव सिंह द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग करने के अंदेशे पर की जा रही है।
वहीँ, खबर यह भी है कि नोएडा प्राधिकरण से रोजाना 60 से 70 फाइलें सीबीआई को भेजी जा रही हैं। विगत दो दिनों से दो सौ से ज्यादा फाइलें भेजी जा चुकी हैं। 1 सितंबर तक तमाम फाइलें भेजी जाएंगी। सिविल, विद्युत यांत्रिकी, उद्यान, जनस्वास्थ्य आदि विभागों के मूल दस्तावेज सीबीआई के पास जा रहे हैं, जबकि प्रतिलिपि नोएडा प्राधिकरण के रिकॉर्ड में जमा हैं।
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