यूपी ब्यूरोक्रेसी और मायावती-अखिलेश के शाशन काल के सबसे दागदार अधिकारी नवनीत सहगल को योगी सरकार में भी मिली तैनाती

आगरा का टोरेंट पावर घोटाला हो या फिर कानपुर का पाइप लाइन बिछाने का घोटाला, प्रत्येक घोटाले में इसी अधिकारी का नाम आया, लेकिन अपनी सेटिग-पहुंच और पैसे के बल पर हर बार यह बचता गया। समाजवादी पार्टी और बसपा में भी हमेशा मुख्यमंत्री के सबसे करीबी ही रहे। अभी दो दिन पहले ही इनके करीबी रोहित के खिलाफ पीएमओ ने आईबी जांच के आदेश दिये हैं। उसके बावजूद उनको अहम विभाग के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी मिल गयी है।

राजेश श्रीवास्तव
लखनऊ । पूर्व की समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी में लंबे अरसे से मलाई काट रहे दागी नवनीत सहगल को तकरीबन एक माह पहले ही योगी सरकार ने सख्त तेवर दिखाते हुए प्रतीक्षारत किया था। लेकिन यह सहगल का प्रभाव ही है कि उन्हें एक बार फिर से खादी ग्रामोद्योग विभाग का प्रमुख सचिव बना दिया गया है। गुरुवार को तबादले के दौरान दागी आईएएस नवनीत सहगल और रमा रमण को तैनाती मिल गयी। कभी मायावती और बाद में अखिलेश यादव का खासमखास बने नवनीत सहगल जब योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद उनके आसपास मंडराने लगे थ्ो तभी लगने लगा था कि योगी को भी वह अपने प्रभाव में ले लेंगे। यही हुआ भी । योगी बहुत समय तक सहगल के प्रभाव से मुक्त नहीं रह गये। चंद दिनों बाद ही सहगल को फिर से तैनाती मिल गयी।

यह स्थिति तब है जब दो दिन पहले ही नवनीत सहगल के एक बेहद करीबी की पीएमओ कार्यालय ने आईबी को जांच सौंपी है। गौरतलब है कि दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग स्थित डिप्लोमैटिक एन्क्लेव के पांच सितारा होटल मौर्या शेरटन में पीएम मोदी के ताकतवर मंत्री से यूपी के आईएएस अफसर नवनीत सहगल की मुलाकात कराने वाले करीबी की जांच अब पीएमओ कार्यालय ने देश की सबसे बड़ी ख़ुफ़िया एजेंसी आईबी को सौंप दी है। जिसके चलते आईबी की लखनऊ शाखा अब आईएएस अफसर नवनीत सहगल के सबसे करीबी साथी रोहित सहाय के काले कारनामों की जांच करेगी। बताया जाता है कि सहगल और मोदी के मंत्री की हाथ मिलते हुए फोटो को पीएमओ कार्यालय ने बड़ी गंभीरता से लिया है।

सूत्रों के मुताबिक आई की लखनऊ शाखा ने रोहित सहाय की जांच शुरू कर दी है। चंद सालों से दिल्ली में रहने वाला सहगल का यह करीबी मूलरूप से वाराणसी का रहने वाला है, लेकिन साल 2००० में रोहित रिलायंस कंपनी में बतौर मैनेजर का काम करता था, लेकिन कुछ दिनों बाद जब उसकी नौकरी छूट गयी तो वह लखनऊ से दिल्ली की एक रियल एस्टेट कंपनी में लाइजनिग का कार्य देखने लग।

चंद सालों में ही उसने दिल्ली में रहकर अपना नेटवर्क सत्ता के गलियारे से लेकर बड़े – बड़े अधिकारियों तक बना लिया। जब रोहित का नेटवर्क सीबीआई और ईडी के कई बड़े अफसरों से हो गया तो उसने दिल्ली के रियल एस्टेट कंपनी की नौकरी छोड़ दी। इसके बाद रोहित ने सीबीआई और ईडी की लाइजिनिंग करनी शुरू कर दी। बताया जाता है कि कुछ सालों में ही ईडी और सीबीआई से इसने बेशुमार दौलत कमाई। अब तो रोहित के दिल्ली में भी दो बंगले पॉश एरिया में हैं।

दिल्ली के चर्च की जमीन को अपनी पत्नी तथा अखिलेश दास की पत्नी के नाम से फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी बनवाने वाला यह अधिकारी अब भाजपा की सरकार में अपने स्वजातीय खत्री नेता और उनके पुत्र कैबिनेट मंत्री तथा एक पत्रकार का हाथ पकड़कर यहां तक पहुंच गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर उठेगा। उन्हीं अमित शाह पर, जिन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकार पर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को लेकर सवाल उठाए थे।

इसी सहगल ने 18 करोड़ प्रति किमी के हिसाब से बनने वाले एक्सप्रेस वे को 31 करोड़ रुपए प्रतिकिमी से ज्यादा में बनवाकर अपनी काबिलियत को अंजाम दिया है। भाजपा ने एनआरएचएम घोटाले में नाम आने वाले इस अधिकारी से दूरी नहीं बनाई। एनआरएचएम घोटाले में सहगल का नाम घोटाले का सूत्रधार गिरीश मलिक ने भी लिया था। खुद भाजपा के दिग्गज नेता आईपी सिह ने पीएमओ पत्र लिखकर सहगल के भ्रष्टाचार की जांच की मांग की थी, इसके बाद भी भाजपा सहगल को प्रमुखता देती है तो इसे क्या कहा जायेगा।

आगरा का टोरेंट पावर घोटाला हो या फिर कानपुर का पाइप लाइन बिछाने का घोटाला, प्रत्येक घोटाले में इसी अधिकारी का नाम आया, लेकिन अपनी सेटिग-पहुंच और पैसे के बल पर हर बार यह बचता गया। आईएएस नवनीत सहगल एक ऐसा नाम जो माया सरकार में कैबिनेट सचिव शशांक शेखर के बाद मुख्यमंत्री की नाक कान और आंख बना हुआ था। इन साहब के बारे में इनके ही करीबी कहते हैं की पहले से ही ताकतवर सहगल उस समय और भी ताकतवर हो गए जब माया के खास रहे पूर्व मंत्री बाबू सिह कुशवाहा ने पार्टी छोड़ी।

जब तक माया सत्ता में रही सहगल ने बसपा के निष्ठावान कार्यकताã की तरह पार्टी का सारा काम संभाले रखा। बदले में माया ने सहगल को जल निगम और पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन की कुर्सी थमा दी थी। इसके साथ ही डूडा-सूडा को भी यही संभाल रहे थे। मायावती सरकार के दौरान प्रदेश की जनता को वर्ष 2०14 तक भरपूर बिजली का लॉलीपॉप थमाया गया। जिसके बाद बसपा सरकार ने निजी कंपनियों के साथ प्रदेश में बिजलीघर लगाने के अनुबंध तो कई सारे किए लेकिन उनमें से ललितपुर परियोजना को छोड़ अभी तक किसी पर काम आरंभ नहीं हुआ है।

आपको बता दें वर्ष 2००9 की उर्ज़ा नीति के अंतर्गत निजी डवलपर्स के साथ प्रदेश भर में 1० हजार मेगावाट से ज्यादा क्षमता के बिजलीघरों के लिए एमओयू हुए। वहीँ यदि अब इनपर नज़र डालें तो अभी तक केवल 2००० मेगावाट क्षमता की परियोजना ही अमल में आ सकी है।

कैसे प्रगाढ़ हुए रोहित और सहगल के संबंध ?
फिलहाल अपने छात्र जीवन में बीएचयू में नेतागिरी करने वाला रोहित अब दिल्ली का बड़ा लाईजनर ही नहीं बल्कि बड़ा आदमी भी बन चुका था। सूत्रों के मुताबिक रोहित से नवनीत सहगल के संबंध मायावती के कार्यकाल में और भी प्रगाढ़ उस समय हो गए। जब एनआरएचएम घोटाले की जांच में सीबीआई के चंगुल में वह फंस गए। सूत्रों के मुताबिक इस जांच में सीबीआई ने बड़े-बड़े दिग्गजों पर अपना शिकंजा कसना शुरू किया तो सहगल के भी हाथपांव फूल गए। यही नहीं सीबीआई को जांच में सहगल के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद भी उनका कोई बाल बांका इसलिए नहीं कर सका क्योंकि रोहित ने सहगल की सेटिग सीबीआई में कराकर सब मैनेज कर दिया। इसलिए दे लेके सहगल बच गए। जबकि इस मामले में बसपा सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री बाबू सिह कुशवाहा आज भी जेल की सलाखों के पीछे से निकल नहीं सके हैं।

सहगल के करीबी की जांच करेगी आईबी
सूत्रों के मुताबिक एनआरएचएम घोटाले की जांच के दौरान जब सीबीआई ने आईएएस अफसर प्रदीप शुक्ला को गिरफ्तार किया और उन्हें जेल भेजा गया तो उनकी आईएएस पत्नी आराधना शुक्ला ने सीबीआई पर ये आरोप भी लगाए और शिकायत भी की थी की सहगल के खिलाफ सबूत मिलने के बाद भी सीबीआई ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। बावजूद इसके कुछ नहीं हुआ। फिलहाल इस बार जब आगरा एक्सप्रेस वे और अन्य कार्यों की जांच सीएम योगी ने सीबीआई को सौंपी है तो फिर से रोहित के जरिये सहगल अपनी काली करतूतों से सीबीआई से बचने का रास्ता खोज रहे हैं। लेकिन पीएम मोदी के संज्ञान में मामला आ जाने के बाद और भी गंभीर हो गया है। जिसके चलते सहगल को बचाने वाले यही रोहित के खिलाफ पीएमओ कार्यालय ने आईबी को जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button