यूपी में ऐसे हो रहा है कालाधन सफेद, मीडिया रिपोर्ट्स में हुआ खुलासा!

rdescontroller-4लखनऊ। अवैध खनन के आरोपी रहे गायत्री प्रजापति का नाम एक बार फिर से विवादों में आ गया है। न्यूज चैनल और अखबारों की खबरों के मुताबिक गायत्री प्रजापति ने अपनी दौलत को नम्बर एक बनाने का नया रास्ता ढूंढ लिया है। खबरों के मुताबिक यूपी रोडवेज के टिकटों से जो जुटे छोटे नोट इकठ्ठा हो रहे हैं उन्हें गायत्री के गुर्गे अपने कब्जे में ले रहे हैं। यूपी रोडवेज के हर आरएन के पास गायत्री के गुर्गे पहुंच रहे हैं और काला धन सफेद करने के लिए उनपर दबाव बना रहे हैं कि जितनी धनराशि भी उनके पास इकठ्ठी हो वह उन्हें सौंप दें।
 रोडवेज के पास रोज आता है दस करोड़
रोडवेज की बसों से आम तौर पर मध्यम वर्ग और गरीब लोग सफर करते हैं। इनमें से अधिकांश का किराया 100 रुपये से लेकर 300 रुपये तक होता है। इस छोटी-छोटी रकम से यूपी रोडवेज के पास रोज लगभग दस करोड़ की धनराशि इकठ्ठी होती है। इस धनराशि को इकठ्ठा करके जमा करने का काम आईसीआईसीआई बैंक करता है। कुछ और बैंक भी यह धनराशि एकत्रित करते हैं। जब अचानक मोदी सरकार ने पांच सौ और एक हजार के नोटों पर प्रतिबंध लगाया तो पूरे यूपी के नेताओं में खलबली मच गयी। इस प्रतिबंध से सभी लोग परेशान हो गये और खास तौर पर वह लोग जो कालाधन बेशुमार रखे हुए थे। अधिकांश नेता अपने-अपने कालेधन को ठिकाने लगाने की तरकीबें ढूंढने लगे। किसी नेता ने सोना खरीदने की जुगाड़ लगायी तो किसी ने अपने कर्मचारियों के खाते में पैसे डलवाये।
 बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग
भाजपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा है कि इस गोरखधंधे की जांच सीबीआई से कराने के लिए वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जी देश से कालाधन खत्म करना चाहते हैं, मगर लोग अपने पद का दुरुपयोग करके कालेधन को सफेद कर रहे हैं।
 आप ने खड़े किये केंद्र सरकार पर सवाल
आप के प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा है कि सभी बैंक केंद्र सरकार के अधीन आते हैं, ऐसे में यह सम्भव नहीं है कि वह सूबे के एक मंत्री के करोड़ों की ब्लैकमनी व्हाइट करते रहें और केंद्र सरकार को पता न हो। उन्होंने कहा कि एक महिला और एक बच्ची अस्पताल में नोट न होने के कारण मर गयी, मगर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा और इधर मंत्री करोड़ों का काला धन सफेद कर रहे हैं।
 

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