यूपी में नए स्कूलों की मान्यता पर लगी रोक, स्वकेंद्र प्रणाली व्यवस्था समाप्त

लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने वित्तविहीन शिक्षकों के लिए जल्द ही सेवा नियमावली जारी करने का फैसला किया है। साथ ही योगी सरकार ने यूपी बोर्ड द्वारा वित्तविहीन श्रेणी में नए स्कूलों को मान्यता देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यूपी के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने सचिवालय में माध्यमिक शिक्षक संघ के विभिन्न प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद ये फैसला लिया।

फीस वसूली के लिए तैयार हो रही है गाइड लाइन 

इसके साथ ही दिनेश शर्मा ने आदेश दिया कि प्राइवेट स्कूलों के मैनेजमेंट को शिक्षकों का वेतन सीधे उनके खाते में ही आरटीजीएस के माध्यम से ही भेजना होगा। इस दौरान डिप्टी सीएम ने कहा कि यूपी में एनसीईआरटी पैटर्न पर पाठ्यक्रम निर्धारित करने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस वसूली के लिए भी दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं।

नए स्कूलों की मान्यता पर रोक 

डिप्टी सीएम ने दिए आदेश – वित्तविहीन श्रेणी में नए स्कूलों को मान्यता देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश – डिप्टी सीएम ने कहा कि स्कूलें में कम से कम 220 दिन पढ़ाई हो – पाठ्यक्रम 200 शिक्षण दिवसों में पूरा हो – बाकी के 20 दिन कमजोर बच्चों को पुन: अभ्यास कराया जाए – डिप्टी सीएम ने स्वकेंद्र प्रणाली समाप्त करने का ऐलान किया है – उन्होंने कहा कि अब केंद्रों का निर्धारण भी ऑनलाइन होगा – उन विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा, जहां सीसीटीवी नहीं लगे हैं।

प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों का वेतन उनके खाते में

इसी तरह प्राइवेट स्कूलों के मैनेजमेंट को शिक्षकों का वेतन सीधे उनके खाते में ही आरटीजीएस के माध्यम से ही भेजना होगा। शिक्षकों के लिए जल्द ही सेवा नियमावली जारी करने का भी फैसला किया है. स्कूल प्रबंधन से सभी शिक्षकों का रिकॉर्ड रखने के लिए भी कहा गया है, ताकि उनके बारे में पूरी जानकारी सरकार को हो सके. डिप्टी सीएम ने महिला शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए. शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए शैक्षिक कैलेंडर जारी किया जाएगा. इसके अलावा छात्रों के लिए पंजीकरण में आधार अनिवार्य होगा.

 

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