यूपी में मिलेगी पाकिस्तानी नागरिकों को पनाह, गृह विभाग ने लिखी चिट्ठी

pakistaniतहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, लखनऊ। यूपी सरकार के गृह विभाग ने प्रदेश के छह जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को चिट्ठी लिखकर पाकिस्तानी नागरिकता पर रह रहे लोगों की जानकारी लेने का निर्देश दिया है। उनकी समस्याओं को सुनने और उचित निस्तारण के लिए स्पेशल कैंप लगाने को भी कहा गया है। इससे ऐसे परिवार जो भारतीय नागरिकता प्राप्त करने या फिर दीर्घकालीन वीजा मिलने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं, उनके लिए एक नई आस जगी है।
यूपी सरकार इन मामलों को समझने और सुलझाने के लिए स्पेशल कैंप लगाकर उनकी मदद करेगी। इस बारे में शासन की ओर से रामपुर, कानपुर शहर, बरेली, शाहजहांपुर, अलीगढ़ और आगरा के डीएम और पुलिस अधिकारियों को स्पेशल कैंप लगाने के आदेश दिए गए हैं। कैंप उन्हीं जिलों में लगाए जाएंगे जहां पाकिस्तानी मूल के ज्यादा लोग रहते हैं। उन महिलाअों की मदद की जाएगी जो सात साल से ज्यादा भारत या पाकिस्तान में रहीं हों, लेकिन उन्हें कहीं नागरिकता नहीं मिली है। इनमें से कई ऐसी महिलाएं हैं जो 10-15 साल पहले ही भारत में आकर बस गईं थीं, लेकिन उनको नागरिकता नहीं मिली है। बताते चलें कि अकेले रामपुर जिले में ऐसे लोगों की संख्या तीन दर्जन से ज्यादा है जिनके पास पाकिस्तानी नागरिकता है।
कागजी तौर पर नहीं है नागरिकता
पाकिस्तानी नागरिकता के ज्यादातर ऐसे मामले हैं, जिसमें पाकिस्तान से आई लड़कियों की भारत में शादी हुई है। उनके बच्चे भी हो गए हैं और वह पाकिस्तान को हमेशा के लिए छोड़ आई हैं। लेकिन, कागजी तौर पर वह आज भी पाकिस्तानी नागरिक हैं और यहां वीजा पर रह रही हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जिनकी पाकिस्तान में शादी हुई है और वहीं बच्चे भी हुए, लेकिन पाकिस्तानी पति के छोड़ देने से वह वापस आ गईं। उनके बच्चे यहीं पढ़े और बड़े हो गए, लेकिन वह आज भी पाकिस्तानी नागरिक हैं।
 पाकिस्तानी नागरिकता पर भारत में नियुक्ति पर सवाल
रामपुर की रहने वाली फरजाना बी की साल 1979 में पाकिस्तान में शादी हुई। इसके बाद उसने पाकिस्तानी नागरिकता ले ली। वहां उसकी बेटी भी हुई। लेकिन, बाद में उसको पति ने छोड़ दिया। तलाक के बाद साल 1981 में वह अपने मायके वापस आ गई। इसके बाद साल 1992 में उसने शिक्षिका की नौकरी कर ली। इसके बाद हाल ही में सरकार ने इस मामले की रिपोर्ट तलब की है और उनकी नियुक्ति पर सवाल खड़े किए हैं।
पाकिस्तान में खो गया था पासपोर्ट
रामपुर के थाना गंज क्षेत्र में रहने वाली समीना बेगम का भी यही हाल है। वह खुद भी जन्म से भारतीय हैं और उनके पति सिफत उल्लाह खान भी जन्म से भारतीय ही थे। उनके पति अपनी ननिहाल पाकिस्तान गए थे, जहां उनका भारतीय पासपोर्ट खो गया और फिर वापस आने के लिए पाकिस्तानी पासपोर्ट लेना पड़ा। उनकी यह गलती फिर सुधारी नहीं जा सकी। वापस आने के बाद उसे अपने देश में परदेसियों की तरह ही रहना पड़ रहा है। वीजा खत्म होने के साथ ही उन्हें सरहद पार भेज दिया जाता है। वह भारतीय नागरिकता पाकर यहीं अपनी पूरी जिंदगी यहीं बिताना चाहते हैं।
जिला प्रशासन भेजेगा रिपोर्ट
नागरिकता दिए जाने के संबद्ध में रामपुर के जिलाधिकारी सीपी त्रिपाठी ने कहा कि यह तो भारत सरकार का काम है। जिला प्रशासन तो बस अपनी रिपोर्ट भेज सकता है। शासन की जैसी मंसा होगी उसका पालन किया जाएगा।
 

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