ये है वो कॉम्युनिस्ट की भाषा जिसको गुजरात की जनता ने जिताया है देश के प्रधानमंत्री के लिए

अपने आप को राजनीती की अगली पीड़ी समझने वाले ये तीन नेता पीएम को  “बूढ़ा” कहकर उनका कर रहे निरादर

मनमोहन सिंह वाले ब्यान पर अभी घमासान थमा ही नही था की जिग्नेश मेवानी द्वारा प्रधानमंत्री पर आये विवादित ब्यान ने चारों तरफ तहलका मचा दिया है| गुजरात में जातिवाद का खूब डंका बजाने के बाद अब इन साँपों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहर उगल कर अपनी औकात दिखा थी है।

एक इंटरव्यू के दौरान जिग्नेश मेवनी ने प्रधानमंत्री के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल किया|उन्होंने बयाँ दिया “मोदी जी के पास कहने के लिए अब कुछ नही बचा है, वो मानसिक तोर से बूढ़े हो गये है। अब तो हम युवा आयेंगे। राजनीती इस देश का युवा करेगा। मोदी जी की उम्र हो चली, उनको रिटायर्ड हो जाना चाहिए,उन्हें हिमालय पे चले जाना चाहिए अपनी हड्डियाँ गलाने के लिए”।

जब उनसे पूछा गया की क्या प्रधानमंत्री जी के लिए ऐसी भाषा बोलना शोभा देता है तब वै यहाँ भी न रुके और उन्होंने अपनी बेशर्मी की हद को और आगे बढ़ाया और कहा “ मोदी जी को घर में बैठ जाना चाहिए, आराम करना चाहिए।वै बहुत बोरिंग आदमी है। इसमें उनका साथ पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकुर ने भी दिया। हार्दिक पटेल ने भी इस बात पर दांत दिखाकर मोदी जी का मजाक बनाया और अपने  घटिया व्यक्तिगत को लोगों के आगे प्रस्तुत किया।

मेवानी ने ये भी कहा की वह 2019 में भी  मोदी जी और भाजपा को चुनौती देंगे और भाजपा के खिलाफ 18% दलित आबादी वोट देगी। मेवानी के इस ब्यान  ने गहमा गहमी मचा दी है|अलग अलग लोग और नेता अपनी इसपर अलग अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे है| निसंदेह कांग्रेस के कुछ नेताओं को तो इसमें कुछ गलत नही लग रहा और वो मोदी जी पर ही वार कर रहे है।

इस बयान की भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने भी निंदा किया था। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी, जिग्नेश मेवानी पीएम को  शर्मनाक तरीके से अपमानित कर रहे हैं। क्या यह नई” प्रेम की राजनीति “है जिस पर आप घमंड रहे हैं?” क्या आप अब गंदे दुर्व्यवहार करने का  सहयोगियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं? यदि आपके पास वास्तव में कोई नैतिकता है, तो अपने सहयोगी के दुरुपयोग के लिए माफी मांगें “।

वैसे तो कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गाँधी कहते है की वो प्रधानमंत्री पद का सम्मान करते है पर उनकी ही पार्टी के नेता आये दिन प्रधानमंत्री का अपमान करने का कोई मौका नही छोड़ते थोड़े दिन पहले ही मणि शंकर अय्यर ने मोदी जी को “नीच” कहा तो आज ये अपने आप को राजनीती की अगली पीड़ी समझने वाले नेता उनको “बूढ़ा” कहकर उनका निरादर कर रहे है।

मोदी  जी ने जाति या धर्म के नाम पर मतों से कभी नहीं माँगा। लेकिन इस व्यक्ति के पास जाति और धर्म में दरार पैदा करने के अलावा कोई काम नहीं है।  प्रधान मंत्री मोदी और अधिक दिलचस्प हैं और वास्तव में, आप उबाऊ हैं, श्री जिग्नेश मेवानी। यह आप ही हैं, जिसे “बूढ़ा” कहा जा सकता है और प्रधान मंत्री मोदी नहीं।मोदी जी में का जज़्बा तो आप युवाओं से कहीं आगे है। वै तो दिन हो या रात देश सेवा के लिए तत्पर रहते है।

एक सीट का ताप इनपे इतना चड़ गया है की ये जमीनी रेखा से ऊपर उठकर उड़ने लगे है।सफलता का पारा अभी से इनके सर पर चड़कर बोल रहा है, अभी तो सिर्फ बांटने का ही काम किया है और मोदी जी के बारे में उल जलूल बोल रहे है जो देश को विश्व भर में प्रसिद्धी दिला रहे है।

जैसे अभी आप के गुजरात में  सपने चकना चूर हो गये हैं ऐसे ही नतीजे  2019 में आप के आगे आएंगे।आप सपने देखते रहिये मोदी जी को चुनाव में हराने में और हम आपके उन सपनों को तोड़ते रहेंगे।आप जैसे युवा नेता हमें अपने देश में नही चाहिए है जो आज की युवा पीड़ी को आरक्षण और जातिवाद में धकेल रहे है। आप का दिमाग पूरी तरह से खराब हो चूका है। छोटी सी जीत का नशा आप के सर पर सवार हो चूका है| आप को घर पर बैठकर आराम करना चाहिए।अपनी बकवास को बंद करे,अपनी जुबान को लगाम दे।हमारे पास मोदी जी जैसे नेता है जो बिना थके बिना रुके देश सेवा में तत्पर रहते है|वो हम युवाओं के लिए  हमारे आइकन है।

राहुल गाँधी तो कहते है की वै प्रधानमंत्री पद का सम्मान करते है अब राहुल गाँधी को चाहिए की वो अपने साथियों के इस व्यव्हार के लिए माफ़ी मांगे।

 

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