योगी ने विधान परिषद के लिए भरा नामांकन, पिता की जगह लिखा महंत अवैद्यनाथ का नाम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्यता (MLC) के लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपना नामांकन कर दिया है. योगी के साथ ही साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, स्वतंत्र देव सिंह और मोहसिन रजा ने भी अपना नामांकन फॉर्म भर दिया है. नामांकन के वक्त सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय भी मौजूद थे.

आपको बता दें कि विधान परिषद की पांच सीटों के लिए उपचुनाव 15 सितंबर को होगा. इन सभी सीटों के लिए नामांकन का मंगलवार को आखिरी दिन था. तमाम नामांकन पत्रों की जांच 6 सितंबर को की जाएगी और 8 सितंबर तक नामांकन वापस लिया जा सकता है.

 

 

यहां गौर करने वाली बात यह है कि पांच जून 1972 को उत्तराखंड में जन्मे आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है. योगी के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है. लेकिन, चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में योगी ने पिता का नाम स्वर्गीय अवैद्यनाथ बताया है. वही महंत अवैद्यनाथ (गोरखनाथ मंदिर के भूतपूर्व पीठाधीश्वर) जिन्होंने योगी आदित्यनाथ को संन्यासी बनवाया था.

योगी आदित्यनाथ ने अपने नामांकन पत्र में स्वर्गीय महंत अवैद्यनाथ को अपना पिता बताया है क्योंकि संन्यास के बाद अजय सिंह बिष्ट का अपने परिवार से रिश्ता सांसरिक तौर पर खत्म हो चुका था और वे योगी आदित्यनाथ बन चुके थे. बाद में महंत अवैद्यनाथ ने योगी को अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया था.

यहां एक रोचक बात यह भी है कि पारिवारिक रिश्तों में योगी आदित्यनाथ और महंत अवैद्यनाथ चाचा-भतीजे लगते थे. आपको बता दें कि महंत अवैद्यनाथ का नाम कृपाल सिंह बिष्ट था और योगी आदित्यनाथ का अजय सिंह बिष्ट. महंत अवैद्यनाथ का जन्म 28 मई 1921 को काण्डी गांव, जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में घर हुआ था. योगी आदित्यनाथ का जन्म भी पौड़ी गढ़वाल के पंचुर गांव में हुआ था. दोनों का ही गांव पास-पास ही था. आपको बता दें कि आनंद सिंह के पिता यानी आदित्यनाथ के बाबा की बहन के बेटे थे अवैद्यनाथ. अवैद्यनाथ रिश्ते में योगी के पिता के ममेरे भाई लगते थे. यानी रिश्ते में वे आदित्यनाथ के चाचा थे. कहा जाता है यह रिश्ता ही था जिस वजह से महंत अवैद्यनाथ ने अपने तमाम संन्यासियों के बीच योगी आदित्यनाथ को उत्तराधिकारी चुना.

आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ जिस गोरक्ष पीठ के महंत हैं उसके पास अरबों रुपए की संपत्ति है. गोरक्षपीठ के तहत गोरखपुर और उसके आसपास के इलाकों में 40 से अधिक संस्थाओं का संचालन हो रहा है. जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और धार्मिक स्थल शामिल हैं. योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में अस्पताल, शिक्षण संस्थाओं और धार्मिक संगठन की जो सूची है वह बहुत बड़ी है. इसके अलावा मंत्री और सचिव के रूप में योगी करीब दो दर्जन से अधिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं.

साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जो हलफनामा दिया था उसमें कुल संपत्ति 72 लाख रुपए बताई थी. इनमें 30 हजार रुपए नकद के अलावा दिल्ली में चार और गोरखपुर में दो बैंक खातों का जिक्र किया था जिसमें 22 लाख रुपए जमा बताए गए थे. इसके अलावा 1 लाख रुपये की रिवॉल्वर और 80 हजार रुपये की राइफल का भी जिक्र किया गया था.

शपथ पत्र के मुताबिक उस वक्त आदित्यनाथ के नाम पर तीन कारें थीं. पहली टाटा सफारी, दूसरी इनोवा जिसकी कीमत 12 लाख रुपए बताई गई थी और तीसरी 2014 में ली गई फॉर्च्यूनर कार जिसकी कीमत 21 लाख रुपए है. शपथ पत्र के मुताबिक 60 एकड़ में फैले गोरक्षपीठ के महंत आदित्यनाथ के नाम पर कोई जमीन नहीं है, ना ही कोई घर और ना ही विरासत में मिली संपत्ति है. इसके अलावा उन पर किसी भी तरह का कोई कर्ज भी नहीं है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button