रतन टाटा ने बताया, क्यों वह अचानक ड्राइविंग सीट पर आए

ratan-tataमुंबई। सायरस मिस्त्री को अचानक टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद जिम्मेदारी संभालने वाले रतन टाटा ने बताया है कि आखिर वह दोबारा ड्राइविंग सीट पर आने के लिए क्यों तैयार हुए। कंपनी के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने एंप्लॉयीज को खत लिखकर कहा कि ग्रुप की स्थिरता और उसमें भरोसा बढ़ाने के लिए वह अंतरिम चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाने को तैयार हुए हैं।

पत्र में 78 वर्षीय टाटा ने कहा कि टाटा संस के निदेशक मंडल ने सोमवार को एक बैठक में मिस्त्री को तत्काल प्रभाव से चेयरमैन पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा, ‘एक नई प्रबंधकीय व्यवस्था की गई है और टाटा संस के नए चेयरमैन की पहचान करने के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है।’

वर्ष 2012 में 29 दिसंबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो जाने के बाद समूह के मानद चेयरमैन टाटा ने कहा, ‘समिति को इस काम के लिए चार महीने का समय दिया गया है। इस दौरान निदेशक मंडल ने मुझसे कंपनी के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा है और मैं टाटा समूह की स्थिरता एवं उसमें उसके प्रति विश्वास को बनाए रखने के लिए यह जिम्मेदारी उठाने को तैयार हूं।’ टाटा इससे पहले 1991 से 2012 तक कंपनी के 21 साल तक चेयरमैन रहे हैं।’

टाटा ग्रुप के सबसे बड़े हिस्सेदार शापूरजी पालोंजी ग्रुप के प्रतिनिधि के तौर पर सायरस मिस्त्री को नवंबर, 2011 में टाटा समूह का डेप्युटी चेयरमैन बनाया गया था। वह 2006 में कंपनी के बोर्ड में शामिल हुए थे। चेयरमैन बनने के बाद से खासी चर्चा बटोरने वाले मिस्त्री को पद से हटाए जाने की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है, लेकिन कहा जा रहा है कि संभवत: टाटा संस उनकी नीतियों से सहमत नहीं थे। खासतौर पर घाटे या कम मुनाफे में चल रही फर्म्स को बंद करने के फैसले से वह खुश नहीं थे।

 

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