राज्य के 14, 708 गांव सूखाग्रस्त, स्थिति में  निपटने के लिए हुई  बैठक

kisanतहलका एक्सप्रेस

मुंबई। प्रदेश के 14 हजार 708 गांव सूखाग्रस्त हैं। शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक के बाद सरकार ने यह घोषणा कर दी। उपसमिति राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे की अध्यक्षता में बनाई गई थी। बैठक के बाद खडसे ने बताया कि प्रदेश के 14 हजार 708 गांवों में 50 फीसदी से कम फसल (आनेवारी) हुई है। इसलिए सरकारी मानकों के अनुसार इन गांवों में सूखा घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने सर्कल के बजाय सीधे गांवों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। क्योंकि सर्कलवार सूखा घोषित करते समय 12 से 15 गांवों के समूह में कुछ गांव छूट जाते हैं। उपसमिति की बैठक में इन सूखाग्रस्त गांवाें के लाेगों की मदद के लिए कई अहम फैसले भी लिए गए हैं। खडसे के मुताबिक सूखाग्रस्त गांवों को कृषिपंपों के बिजली बिल में 33.50 प्रतिशत सहूलियत दी जाएगी।

किसानों से बिजली बिल की सख्ती से वूसली नहीं की जाएगी। स्कूलों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क माफ हो जाएगी। सूखाग्रस्त गांवों में पानी पहुंचाने के लिए टैंकरों की सेवा को जारी रखा जाएगा। जिन गांवों में जलापूर्ति योजना का बिल बकाया है। ऐसे गांवों की बिल सरकार भरेगी। इसके अलावा सूखा प्रभावित इलाकों की मदद के लिए सरकार की ओर से जारी सभी शासनादेशों पर अमल शुरू हो जाएगा।

स्नातकोत्तर तक फीस माफी पर भी विचार

खडसे ने कहा कि सरकार आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग (ईबीसी) के विद्यार्थियों की स्नातकोत्तर तक की फीस माफ करने को लेकर विचार कर रही है। इसके लिए आय की मर्यादा को 1 लाख से बढ़ाकर 2.50 रुपए किया जाएगा। इससे राज्य के अधिकांश किसानों को इसका फायदा हो सकेगा।

किसानों और विद्यार्थियों को राहत

किसानों से बिजली बिल की सख्ती से वूसली नहीं की जाएगी। स्कूलों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क माफ हो जाएगा। सूखाग्रस्त गांवों में पानी पहुंचाने के लिए टैंकरों की सेवा को जारी रखा जाएगा। जिन गांवों में जलापूर्ति योजना का बिल बकाया है। ऐसे गांवों की बिल सरकार भरेगी। इसके अलावा सूखा प्रभावित इलाकों की मदद के लिए सरकार की ओर से जारी सभी शासनादेशों पर अमल शुरू हो जाएगा।

सूखाग्रस्त, सूखे जैसी स्थिति में फर्क नहीं

खडसे ने बताया कि सूखाग्रस्त और सूखे जैसी स्थिति में अब कोई फर्क नहीं है। क्योंकि केंद्र सरकार ने सूखे जैसी स्थिति शब्द के उपयोग के प्रचलन को खत्म कर दिया है।

जल्द शुरू होंगे फसल खरीदी केंद्र

राजस्व मंत्री ने बताया कि सरकार ने कपास, सोयाबीन, मक्का, धान और ज्वार खरीदी केंद्र शुरू करने का फैसला लिया है। कपास केंद्र सरकार की संस्था सीसीआई के माध्यम से खरीदी जाएगी। इसके अलावा सोयाबीन, मक्का, धान और ज्वार महाराष्ट्र राज्य मार्केटिंग फडरेशन के जरिए सरकार खरीदेगी।

 

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