राम मंदिर पर बोले वेदांती: जेल गए और लाठियां खाई हमने, मध्यस्थता करने वाले रविशंकर कौन

नई दिल्ली। राम मंदिर मामले में मध्यस्थता का बीड़ा उठाने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर पर अयोध्या आंदोलन से जुड़े रहे बीजेपी के पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने सवाल उठाते हुए कहा कि रविशंकर कौन होते हैं, फैसला करने वाले.

रामविलास वेदांती ने कहा- ‘जेल गए हम, लाठियां खाई हमने और अचानक से श्रीश्री रविशंकर आ गए’. उन्होंने कहा कि रविशंकर तब कहां थे जब हम संघर्ष कर रहे थे.

वेदांती  ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा तो ठीक है, वरना किसी भी कीमत पर मस्जिद नहीं बनने दिया जाएगा. राम मंदिर के लिए के लिए चाहे जितना बालिदान देना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे. चाहे इसकी कीमत जान देकर ही क्यों न चुकानी पड़े.

बता दें कि श्रीश्री रविशंकर ने बुधवार सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक CM हाउस में बातचीत हुई. श्रीश्री रविशंकर 16 नवंबर को अयोध्या भी जाएंगे.

CM योगी से मिलने के बाद श्रीश्री रविशंकर कई अन्य लोगों से भी मुलाकात करेंगे. इनमें दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, शिव सेना, हिंदू महासभा के अलावा विनय कटियार से भी मुलाकात का भी कार्यक्रम है.

इसी बीच शिया वक्फ बोर्ड में अलग सुर सुनाई दिए गए हैं. शिया वक्फ बोर्ड के प्रवक्ता यसूब अब्बास ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड लॉ के साथ हैं. यानी इनके विचार शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी के रुख से बिल्कुल अलग हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद श्री श्री ने हिंदू महासभा के चक्रपाणी, बीजेपी नेता विनय कटियार और दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास से मुलाकात की.

क्या है श्री श्री का कार्यक्रम

16 नवंबर को श्रीश्री रविशंकर अयोध्या जा रहे हैं. वहां वे रामलला के दर्शन करेंगे, अलग-अलग अखाड़ों और संतों से मुलाकात करेंगे और साथ ही अन्य पक्षकारों से भी मुलाकात कर सकते हैं. अयोध्या से लौटने के बाद योगी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ श्रीश्री रविशंकर से मिलेंगे.

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का मसौदा भी तैयार है जिसमें सुलह के फॉर्मूले को सामने रखा गया है. शिया बोर्ड का कहना है कि वह मस्जिद को अयोध्या और फैजाबाद से बाहर बनाने को तैयार है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या से निकाय चुनाव प्रचार की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि राम के बगैर भारत में कोई काम नहीं हो सकता है, राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं भारत की पूरी आस्था के केंद्र बिंदु हैं. योगी ने कहा कि हम अयोध्या को उसका गौरव वापस दिला कर रहेंगे.

इन चार मुद्दों पर फोकस –

– बाबरी मस्जिद और राम मंदिर के मुद्दों पर अलग-अलग पक्षों से बात करने का क्या रोडमैप होगा?

– हल निकालने के लिए दोनों तरफ से किसको शामिल किया जाएगा?

– बातचीत के बाद राज्य और केंद्र सरकार का क्या रोल रहेगा?

– आखिरी मसौदा किस तरह तैयार होगा और कोर्ट में किस रूप में पेश होगा?

राजनीतिक हस्तक्षेप से हल निकलना मुश्किल

श्री श्री रविशंकर से मुलाकात को लेकर फिरंगी महली के खालिद रश्दी फिरंगी का कहना है कि वह एक बड़े आध्यात्मिक गुरू हैं, हम उनका सम्मान करते हैं. अगर उनके पास इस मुद्दे का कोई हल है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के सामने इसका हल रखना चाहिए. लेकिन अगर इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप होता है तो इसका हल निकलना मुश्किल हो जाएगा. खालिद रश्दी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कोर्ट के फैसले के आधार पर काम करेगा, हमें किसी तरह का कोई पत्र नहीं मिला है.

 

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