राम मंदिर पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने ये क्‍या कह डाला ?

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर राम मंदिर का मसला काफी गरमाया हुआ है। इस मसले को अभी हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव में भी उठाया गया था। वहीं ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके इतर अध्‍यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर निजी आधार पर इस मामले में समझौते की कोशिशें कर रहे हैं। इन सब के बीच शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का भी राम मंदिर पर बड़ा बयान आ गया है। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट तौर पर कहा कि है कि राजनैतिक तौर पर कभी भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि राजनैतिक दलों को इसका कोई अधिकार नहीं है कि वो अयोध्‍या में राम मंदिर बनाए। उनका कहना है कि ये अधिकार सिर्फ शंकराचार्य और धर्माचार्यों को ही हासिल है।

इसके साथ ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने ये भी कहा कि भारत में पैदा होने वाला हर इंसान हिंदू नहीं है। उन्‍होंने कहा अगर ऐसा होता है तो इससे समाज का बुनियादी ढांचा ही खत्‍म हो जाएगा। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के इस बयान को संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर पलटवार माना जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि इस बात में कोई तर्क ही नहीं है कि भारत में पैदा हुआ हर शख्‍स हिंदू है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती देश के चार बड़े धर्मगुरुओं में से एक द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य हैं। दरअसल, अभी हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने त्रिपुरा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं। माना जा रहा है कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मोहन भागवत को जवाब दिया है।
शंकराचार्य कहते हैं कि समाज की एक संरचना है। जिसमें हर धर्म और समुदाय के लोग शामिल हैं। अगर इस रह की बातें की जाएंगी तो समाज की अवधारणा ही खत्‍म हो जाएगी। हर किसी की अपनी-अपनी मान्‍यताएं हैं। उन्होंने कहा कि जैसे असली हिंदू की आस्था वेदों और शास्त्रों में होती है उसी तरह मुसलमानों की आस्‍था कुरान और हदीस में होती में। क्रिश्चियन की बाइबिल में होती है। इसलिए इस तरह की बातों का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर के मसले पर भी अपनी राय जाहिर की। उनका कहना था कि राजनीतिक दलों को इसका अधिकार नहीं है कि वो अयोध्या में राम मंदिर बनाएं। शंकराचार्य का कहना है कि ये अधिकार धर्माचार्यों के पास है। शंकराचार्य के पास है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार भी देश में मंदिर नहीं बना सकती, क्योंकि हिंदुस्‍तान एक धर्म निरपेक्ष देश है। जाहिर है शंकराचार्य का ये बयान बीजेपी और संघ परिवार की मुश्किलें बढ़ा सकता है। हालांकि संघ और बीजेपी के लोग अभी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि इससे पहले बीजेपी के कई नेता ये दावा कर चुके हैं कि जल्‍द ही अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण करा हो जाएगा। उधर, शिया सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड भी इस मामले पर समझौते के लिए तैयार है। उसका कहना है कि राम मंदिर वहीं बनना चाहिए। जबकि मस्जिद को शिफ्ट किया जा सकता है। मस्जिद किसी मुस्लिम बाहुल्‍य इलाके में बनाई जा सकती है। लेकिन, सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड इसके खिलाफ है। उसका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा उसे वही मान्‍य होगा। अदालत के बाहर कोई समझौता नहीं होगा।
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button