रायबरेली हादसे पर राहुल की तत्परता से उठे सवाल, क्या चुनाव लड़ेंगे?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिले के ऊंचाहार एनटीपीसी प्लांट में बुधवार को बॉयलर हादसे ने 26 लोगों को लील लिया जबकि करीब सौ लोग जख्मी हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने गुजरात दौरे को बीच में छोड़ पीड़ितों से मिलने रायबरेली पहुंचे. दरअसल रायबरेली गांधी परिवार की परंपरागत सीट है और फिलहाल यहां से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं. ये भी महत्वपूर्ण तथ्य है कि जिस प्लांट में हादसा हुआ है उसकी नींव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ही रखी थी.

रायबरेली से सांसद थे फिरोज गांधी

रायबरेली का गांधी परिवार से रिश्ता पुराना है. पंडित जवाहर लाल नेहरू जब आजादी की जंग लड़ रहे थे, तो उनके नेतृत्व में किसान आंदोलन की गवाह रायबरेली की जमीन बनी. आजादी के बाद पहला चुनाव हुआ तो फिरोज गांधी सांसद बने. उनके निधन के बाद रायबरेली का नेतृत्व इंदिरा गांधी ने किया. इंदिरा रायबरेली से चुनी गईं और देश की प्रधानमंत्री बनीं, तो उन्होंने अपनी संसदीय क्षेत्र के लिए विकास का पिटारा खोल दिया. एक के बाद एक कई औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन किया.

रायबरेली क्षेत्र में NTPC सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई है. इंदिरा गांधी ने 1981 में उत्तर प्रदेश की विद्दुत परियोजना का उद्घाटन किया था. यहां 1988 में बिजली उत्पादन शुरू हुआ था. तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने 1992 में कर्ज के चलते इसे NTPC को सौंप दिया था. मौजूदा दौर में 1550 मेगावाट की क्षमता वाला ये पावर प्लांट है. यहां 6 यूनिट काम कर रही हैं.

अधूरा था छठी यूनिट का निर्माण

बुधवार दोपहर इस पावर प्लांट की 500 मेगावाट की छठी यूनिट में शाम 3.20 बजे बॉयलर फट गया. हादसे के वक्त आसपास करीब 200 मजदूर और टेक्नीशियन काम कर रहे थे. दरअसल छठी यूनिट का काम अभी पूरा नहीं हुआ था. इसीलिए पावर मेक और इंडवेल कंपनी के कर्मचारी अपने अपने काम में लगे थे. उसी समय अचानक धमाका हुआ और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई.

इस हादसे में दो दर्जन से ज्यादा लोग मौत की आगोश में समा गए. जोरदार धमाके के बाद वहां भयानक आग लग गई और चारों ओर धुआं फैल गया. धमाका इतना भयानक था कि तमाम लोग उछलकर दूर पावर प्लांट के पाइपों से जा टकराए या उनमें फंस गए.

हादसे की खबर ने गांधी परिवार को झकझोर दिया. सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र की घटना में पीड़ितों से मिलने जाना चाहती थीं, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने से वो नहीं जा सकीं. सोनिया ने संवेदना संदेश में कहा कि वे स्वयं आना चाहती थी, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण आपके बीच नहीं पहुंच पा रही हूं. लेकिन इस दुख की घड़ी में आपके साथ हूं.

राहुल की तत्परता से उठ रहे हैं सवाल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले हैं. उन्होंने अपनी मां के संसदीय क्षेत्र में हुए हादसे पर दुख जाहिर किया. राहुल गांधी कल ही गुजरात के तीन दिन के दौरे पर पहुंचे थे. लेकिन गुरुवार को उन्होंने अपने दौरे को बीच में रोककर सीधे रायबरेली का रुख किया. राहुल हादसे में पीड़ित लोगों और उनके परिजनों से मिले.

राहुल के किसी हादसे के बाद पीड़ितों से मिलने जाने का ये पहला मौका नहीं है लेकिन वे जिस तरह गुजरात का दौरा बीच में ही छोड़कर घटना से 24 घंटे होने से पहले ही रायबरेली पहुंच गए उससे उनकी राजनीति पर नजर रखने वाले लोग हैरान हैं. खास बात ये है कि राहुल को रायबरेली से वापस गुजरात आना था क्योंकि वहां चुनावों के मद्देनजर उनके कई अहम कार्यक्रम थे.

राहुल के इस तरह तत्परता दिखाते हुए रायबरेली के ऊंचाहार पहुंचने से ये भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि भविष्य के लोकसभा चुनाव में वो अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं. सोनिया गांधी जिस तरह से बीमार हैं. उसे देखकर माना जा रहा है कि वो अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी. ऐसे में रायबरेली की सीट पर राहुल उतर सकते हैं क्योंकि अमेठी में वैसे ही स्मृति ईरानी की एंट्री ने उनकी पकड़ कमजोर की है और 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत का अंतर काफी कम रहा था.

 

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