राष्ट्रीय सुरक्षा पर कांग्रेस को किनारे करने की तैयारी में सरकार

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद में विपक्ष का लगातार विरोध झेल रही सरकार अब राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस को किनारे करने की कोशिश में है । सरकार की यह भी रणनीति है कि कांग्रेस के अलावा कई अन्य दल राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर अगर संसद में बहस के लिए तैयार हो जाते हैं तो कांग्रेस को बिल्कुल अलग-थलग किया जा सकता है।
सरकार ने इसी रणनीति के तहत कांग्रेस पर हमले भी शुरू कर दिए हैं। सरकार ने यह भी कहा है कि सोनिया गांधी को यह साफ करना चाहिए कि उन्होंने राज्य सभा में गुरदासपुर हमले की चर्चा क्यों नहीं होने दीं? बीजेपी सूत्रों का कहना है कि गुरदासपुर में हुए आतंकवादी हमले पर राज्यसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के दौरान कांग्रेस ने शोर शराबा करके सरकार के लिए रास्ता आसान कर दिया है। राज्य सभा में हंगामे के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा कि आमतौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में पूरा देश एकजुट हो जाता है और एक ही स्वर में बोलता है, लेकिन हंगामा करके कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता देश की सुरक्षा नहीं बल्कि तुच्छ राजनीतिक महत्वाकांक्षा है।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार को राज्य सभा में कामकाज होने देना चाहिए था। इससे वह खुद को जिम्मेदार विपक्ष के रूप में दिखा सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सांकेतिक विरोध को 2 हफ्ते हो गए हैं, अब तो संसद चलने देनी चाहिए। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कांग्रेस को अलग करना इसलिए भी आसान होगा, क्योंकि टीएमसी जैसे दल पहले ही लोकसभा में इस बात के लिए हामी भर चुके हैं कि वे इस मसले पर चर्चा के लिए कभी भी तैयार हैं।
इसी तरह से सरकार कुछ और विपक्षी दलों से भी इस मसले पर बातचीत की कोशिश कर रही है। सरकार को यह भी लग रहा है कि अगर गुरदासपुर मामले में सुरक्षा के मसले पर एक बार संसद में कामकाज शुरू होता है तो फिर कांग्रेस के लिए उसे पटरी से उतारना मुश्किल हो जाएगा।
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