राहुल ने मोदी को सुनाई ‘राजकुमार’ की कहानी!

तिरचिरापल्ली (तमिलनाडु)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि वह और अन्य नेता जनता की आवाज नहीं सुन रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके पास सत्ता है और सारे फैसले वे लेते हैं।
दिवंगत नेता के. कामराज के जन्म शताब्दी समारोह को मनाने के लिए आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने एक राजकुमार की कहानी भी सुनाई। राहुल ने कहा कि एक राजकुमार को राजा ने जंगल में जाकर समय बिताने के लिए कहा। राजकुमार के लौटने पर राजा ने पूछा कि उसने जंगल में क्या सुना, तो राजकुमार ने बताया कि उसे बस जंगली जानवरों की आवाजें सुनाई दीं। राजा ने राजकुमार को फिर जंगल भेज दिया। राजकुमार कुछ समय बाद जब वापस लौटा तो राजा ने वही सवाल दोहराया। राजकुमार का उत्तर भी वही था। राजा ने फिर राजकुमार को जंगल भेज दिया। ऐसा कई बार हुआ और राजकुमार की बेचैनी बढ़ गई। एक दिन राजकुमार जंगल में पेड़ के नीचे बैठा था, तो उसे कुछ अलग अनुभूति हुई। इस बार जब राजकुमार वापस लौटा तो राजा से फिर वही सवाल किया। राजकुमार ने कहा, ‘मैंने इस बार फूलों के खिलने, जंगल में गिरतीं सूरज के किरणों, घास के पानी पीने की आवजें सुनी… मैंने सबसे बड़ी चीज यह महसूस की कि मैंने जितना ध्यान लगाया, उतनी ज्यादा आवाजें सुनाई दीं।’ राहुल ने कहा कि राजा और शासक के लिए बहुत जरूरी है कि वह अपने आसपास की हर चीज सुने। तेज ही नहीं, धीमी आवाज भी सुने। हर नागरिक की आवाज सुने।राहुल ने कहा कि वे आपकी आवाज इसलिए नहीं सुन रहे, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके पास सत्ता है। उनके पास सत्ता है, इसलिए वे आपकी बात नहीं सुनते। उन्होंने कहा, ‘ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके आसपास के लोग उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि सारे जवाब उनकी तरफ से आते हैं। उन्हें लगता है कि वे मुख्यमंत्री आवास में, प्रधानमंत्री आवास में बैठे हैं, वे फैसले ले रहे हैं और उन्हें लगता है कि उन्हें आपकी आवाज सुनने की जरूरत नहीं है।’ राहुल ने कहा, ‘हो सकता है कि इतने सालों तक मुख्यमंत्री आवास में रहने की वजह से वे कुछ भूल गए हों। जब वे सत्ता में हैं तो आवाज सुनना सबसे महत्वपूर्ण होता है।’ इससे पहले राहुल ने दिल्ली में कहा था कि मोदी की लोकप्रियता में गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री को देश की जनता की आवाज सुननी चाहिए जो उनसे सरकार के सामने खड़े विवादों पर जवाब मांग रही है। उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री ने देश को आश्वासन दिया था कि वह भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनकी बात में दम होना चाहिए। लेकिन वह हवा में बात करते हैं। उनके मन में जो आता है, बोल देते हैं। उनकी साख धीरे-धीरे गिर रही है।’
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