ललित मोदी के खुलासों के बाद सुर्ख़ियों में आया हवाला कारोबारी विवेक नागपाल
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तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। विवादों में फंसे आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी के ट्वीट के बाद हवाला कारोबारी विवेक नागपाल की कलई खुलना शुरू हो गयी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक समय में नागपाल की पहुंच सरकार से लेकर शासन तक थी, जिसकी वजह से वो हर बार बच निकलने में कामयाब रहा है। नागपाल को लेकर अपने दावों कि विश्वसनीयता साबित करने के लिए ललित ने करीब 100 पन्नों का ब्योरा अपलोड किया है, जिसके बाद विवेक को लेकर एक के बाद एक खुलासे होने शुरू हो गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक नागपाल की एक कंपनी पद्मिनी टेक्नोलॉजी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच की थी। इस कंपनी ने अपने आईटी रिटर्न में आमदनी शून्य बताई थी। बताया जाता है कि नागपाल ने देश और विदेश में करीब 35 फर्जी कम्पनियाँ बना रखीं है जिनके माध्यम से वह अलग अलग देशों में बैंक खाते खोलकर हवाला की रकमें इधर से उधर करता था। पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सचिव ओमिता पॉल के साथ व्यक्तिगत संबंधों के चलते वह हर बार जाँच एजेंसियों के चुंगल से बच निकलता था। ललित मोदी के खुलासे को सही माने तो भाजपा नेता सुधांशु मित्तल से भी नागपाल से बेहद करीबी रिश्ते हैं। इसके साथ ही नागपाल पर पत्रकारों को मैनेज करने के आरोप भी है, ललित मोदी के मुताबिक इतने बड़े स्तर पर हवाला कारोबार करने और तमाम जांचों का सामना करने के बावजूद नागपाल का नाम कभी भी सुर्ख़ियों में नहीं रहा। जिसकी सीधी वजह बड़े पत्रकारों और मीडिया हाउसेज को मैनेज करने की कला है जिसमें नागपाल माहिर है।
ललित मोदी ने अपने भारतीय पासपोर्ट के निरस्त होने के पीछे विवेक नागपाल का ही हाथ बताया है। मोदी के मुताबिक उनके पिता से 80 करोड़ की रकम मांगी गयी थी, ना देने पर पासपोर्ट निरस्त करने की धमकी दी गयी थी।
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