लश्कर-ए-तैयबा, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा पाक: नवाज शरीफ

nawaz barakवॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संयुक्त बयान में कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर हिंसा का मुद्दा भी आया और दोनों नेताओं ने सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए ‘सतत और लचीली’ भारत-पाक वार्ता प्रक्रिया की वकालत की। साथ ही शरीफ ने ओबामा से कहा कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठनों समेत संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित लोगों और संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के के प्रति प्रतिबद्ध है।

 बातचीत के दौरान हल्के मूड में दोनोें नेता। (तस्वीर: एपी)
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा जारी दोनों नेताओं के संयुक्त बयान में भारत-पाक वार्ता का उल्लेख था और साथ ही कश्मीर समेत दोनों देशों के बीच सभी लंबित मुद्दों के समाधान की जरूरत का भी जिक्र किया गया था। बयान में कहा गया, ‘नेताओं ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सतत और लचीली वार्ता प्रक्रिया के महत्व पर जोर दिया, जिसका उद्देश्य कश्मीर समेत सभी लंबित क्षेत्रीय और अन्य मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीकों से समाधान करना और आतंकवाद के लिहाज से भारत और पाकिस्तान की आपसी चिंताओं पर ध्यान देने के लिए मिलकर काम करना है।’

शरीफ ने ओबामा को लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठनों समेत संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित लोगों और संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के पाकिस्तान के संकल्प से भी अवगत कराया। हालांकि मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद का जमात-उद-दावा और अफगानिस्तान में सक्रिय हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान में प्रतिबंधित नहीं हैं। भारत अपने और अमेरिका के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाले सईद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिहाज से पाकिस्तान पर दबाव बनाता रहता है। लेकिन पाकिस्तान ने जमात पर पाबंदी की संभावना को खारिज करते हुए कहा है कि उसके आतंकवाद से तार जुड़े होने और लश्कर से संबंधों के कोई सबूत नहीं हैं।

वार्ता में शरीफ ने दोहराया कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा और क्षेत्र के सभी देशों की यही प्रतिबद्धता होनी चाहिए। परोक्ष रूप से उसका इशारा भारत की ओर था जिसके वह अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान विरोधी गतिविधियां में शामिल होने का दावा करता है। पाकिस्तान इस उच्चस्तरीय वार्ता से पहले अपने देश में ‘विध्वसंक गतिविधियों’ के लिए भारत की भूमिका होने का आरोप लगाकर इस संबंध में तीन दस्तावेज भी दे चुका है. पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी किए एक बयान के अनुसार शरीफ ने कल अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी को ‘फाटा, बलूचिस्तान और कराची को अस्थिर करने में भारतीय एजेंसियों की भूमिका’ की बात कही थी।

 

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