लालू के लिए नीतीश को भी अपना लेंगे यादव?

Lalu-Yadav-Nitishभागलपुर/मधेपुरा। लालू प्रसाद यादव कोई चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। लोकसभा चुनावी कैंपेन के दौरान नरेंद्र मोदी ने 2013 में यदुवंशियों को गुजरात के द्वारका से जोड़ा था। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से 25 जुलाई को मुजफ्फपुर रैली में यादवों को जोड़ने की कोशिश की। लेकिन इस बिहार विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी की अपील बहुत असर दिखाती नहीं दिख रही है। इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में यादव समुदाय नीतीश और लालू का साथ देने पर आमादा दिख रहा है।
चुनाव के लगभग दो महीने पहले हमारी टीम बिहार के कई जिलों में इस बात को समझने गई कि यादव क्या नीतीश को अपनाने के लिए तैयार हैं? ऐसा कहा जा रहा था कि यादवों ने नीतीश के 10 साल के शासनकाल में बिना कोई प्रभाव के खुद को बदल लिया है। यादव किसके साथ जा रहे हैं इसका कोई सायेंटिफिक सैंपल नहीं है लेकिन हमारी टीम बिहार में गया, औरंगाबाद, सासाराम, भभुआ, नावादा, जमुई, लखीसराय, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, दरभंगा, मोतिहारी, मुजफ्फपुर और वैशाली पहुंची। हालांकि यह बात सामने नहीं आ पाई कि यादव समुदाय में युवक और उनके अभिभावक समान रूप से उन सीटों पर तीर को वोट करेंगे या नहीं जहां आरेजेडी के बदले नीतीश का कैंडिडेट होगा। हालांकि इन जिलों में यादव समुदाय के जिन लोगों से बात हुई उन्होंने दावे के साथ कहा कि वे आरेजेडी-जेडीयू गठबंधन के साथ जाएंगे।

लखीसराय जिले के सूरजगढ़ा असेंबली क्षेत्र में चंदनपुरा गांव के रमेश कुमार यादव ने कहा, ‘मैं झूठ क्यों बोलूं। लोकसभा चुनाव में मैंने नरेंद्र मोदी को वोट किया था। इस बार मेरा वोट नीतीश और लालू को जाएगा। 2010 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ इस विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी कैंडिडेट प्रह्लाद यादव थे। इस बार उन्हें यह सीट नहीं मिली है। यह सीट जेडीयू को मिलने वाली है। मैं तीर को वोट करूंगा। हमलोग अब दो ही चुनाव चिन्ह देख रहे हैं- लालटेन औ तीर।’

सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र में बिछवे गांव के 40 साल के नरेश यादव ने कहा, ‘जब लालू ने खुद ही नीतीश कुमार को स्वीकार कर लिया तो हम जेडीयू को वोट देंगे।’ मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र में भरथुआ गांव के 30 साल के अभिषेक यादव ने कहा कि यदि आरजेडी और जेडीयू का साझा कैंडिडेट खड़ा होता है तो वह जेडीयू को भी वोट देने के लिए तैयार हैं।

वजीरगंज के विधानसभा क्षेत्र में देवाचक गांव के राजकुमार यादव ने कहा कि यदि महागठबंधन साथ रहता है तो हमलोग नीतीश के साथ जाएंगे। इसी तरह औरंगाबाद, सासाराम, भभुआ, जहानाबाद, नावादा, नालंदा, मूंगेर और बांका जिले के यादवों ने दावा किया। यही ट्रेंड कुरमी जातियों में भी देखने को मिला। इसी जाति से नीतीश कुमार ताल्लुक रखते हैं। इन दोनों जातियों ने नीतीश और लालू के साथ खड़े रहने का दावा किया। दीपेंद्र पटेल ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में मोदी को वोट किया था लेकिन इस बार नीतीश को करेंगे।

बीजेपी ने यादवों का समर्थन हासिल करने के लिए आरजेडी के बागी नेताओं को भी शामिल किया। लालू के सबसे खास रामकृपाल यादव को बीजेपी ने शामिल किया। इन्होंने लालू की बेटी को लोकसभा चुनाव में हराया भी। बीजेपी ने रामकृपाल यादव को केंद्र में मंत्री भी बनाया है। इसके साथ ही बेजीपी हुकुमदेव नारायण यादव को भी यादवों को इलाके में लगा चुकी है। जहानाबाद जिले के गोविंद प्रसाद सिंह यादव ने पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह से कोई बड़ा नेता हो सकता है? उसी तरह बिहार में लालू से बड़ा कोई यादव नेता नहीं हो सकता। बिहार में ओबीसी में यादवों की संख्या सबसे ज्यादा है। बिहार की आबादी में यादव 14 पर्सेंट हैं।

 

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