लालू जैसा हाल होगा अहमद पटेल का ? ईडी के राडार पर पूरी फैमिली

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव इस वक्त जेल में हैं। उन्हें चारा घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया है। इसके अलावा लालू यादव के परिवारवालों के खिलाफ इनकम टैक्स और प्रवर्तन निदेशालय की भी जांच जारी है। सियासी गलियारों में इस वक्त एक सवाल उठ रहा है कि क्या लालू जैसा हाल अहमद पटेल का भी होने वाला है। क्या अहमद पटेल और उनकी फैमिली के सदस्य जेल की सलाखों के पीछे होंगे। हर कोई जानता है कि अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वो सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार भी हैं। लेकिन, अब कांग्रेस पार्टी के इस वरिष्ठ नेता की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पटेल समेत उनके परिवार पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है।
दरसअल, खबरों के मुताबिक अहमद पटेल, उनके बेटे फैजल पटेल और दामाद इरफान सिद्दीकी इस वक्त प्रवर्तन निदेशालय के राडार पर हैं। जानकारी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ में एक कॉर्पोरेट एग्जिक्यूटिव ने इन सभी लोगों के नाम लिए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में संदेसरा ग्रुप के एग्जिक्यूटिव सुनील यादव से पूछताछ की थी। जिसके बाद सुनील यादव ने ईडी को अपना लिखित बयान दिया था। इसी लिखित बयान में सुनील यादव ने आरोप लगाया है कि इस ग्रुप के मालिक चेतन संदेसरा और उनके सहयोगी गगन धवन ने अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दकी को काफी कैश दिया था। इसके साथ ही सुनील ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने फैजल पटेल के ड्राइवर को भी कैश दिया था।
इस पैसे की डिलीवरी संदेसरा ग्रुप के मालिक चेतन संदेसरा की ओर से अहमद पटेल के बेटे को की जानी थी। इतना ही नहीं सुनील यादव ने ईडी को दिए अपने बयान में कई और भी आरोप लगाए हैं। यादव के अपने लिखित बयान में इस बात का भी जिक्र किया है कि चेतन संदेसरा अकसर अहमद पटेल से उनके घर पर मिलने के लिए जाते थे। ये मुलाकात अहमद पटेल के 23, मदर क्रेसंट, नई दिल्ली वाले घर पर होती थी। संदेसरा की ओर से अहमद पटेल के घर को हेडक्वॉर्टर 23 बताया जाता था। सुनील यादव ने अपने लिखित बयान में बताया है कि चेतन अहमद पटेल के बेटे को जी वन और दामाद को जी टू से संबोधित करते थे। प्रवर्तन निदेशालय ने सुनील यादव का ये बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के सेक्शन 50 के अंतगर्त रिकॉर्ड किया है।
जिसे कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है। सेक्शन 50 में लिया गया बयान अदालत में भी स्वीकार्य होता है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इस संबंध में अब तक कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। जबकि अहमद पटेल और कांग्रेस पार्टी की ओर से भी इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन, कहा जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसता देख कांग्रेस पार्टी हर मामले की तरह इस केस में भी बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर ही हमला कर मामले को डायवर्ट करने की कोशिश कर सकती है। कांग्रेस पार्टी इस केस को गुजरात चुनाव से भी जोड़कर पेश कर सकती है। ताकि अहमद पटेल और उनके परिवार की फेस सेविंग की जा सके। लेकिन, ईडी राजनैतिक नहीं बल्कि सबूतों के आधार ही अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ाएगी।
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