लालू यादव का पलटवार, ‘राजनीति के पलटूराम हैं नीतीश कुमार, अपनी हैसियत भूल जाते हैं’

पटना/नई दिल्ली। नीतीश कुमार के आरोपों का जवाब देने आए आरजेडी प्रमुख आज जमकर बरसे. लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार राजनीति के पलटूराम हैं. इन्होंने पता नहीं कितनी बार पलटी मारी है. नीतीश का राजनीतिक चरित्र सबको पता है.

झूठ बोलते हुए नीतीश को शर्म नहीं आती
लालू यादव ने कहा, “नीतीश कुमार कह रहे हैं कि मैंने लालू यादव को नेता बनवाया. ये झूठ बोल रहे हैं. मैंने नीतीश कुमार को नेता बनवाया. ये कहते हुए नीतीश को सर्म तक नहीं आती. जब मैंने छात्र आंदोलन की शुरुआत की थी तब नीतीश कुमार का कहीं अता पता नहीं था.”

मोदी की जय जय कार कर रहे हैं नीतीश कुमार
लालू यादव ने कहा, “नीतीश कुमार आज नरेंद्र मोदी की जय जयकार कर रहे हैं. इससे पहले इन्होंने नरेंद्र मोदी के विषय में जो कहा था और नरेंद्र मोदी ने इनके विषय में जो कहा था वो हर कोई जानता है. कल तक नीतीश कुमार मोदी को कोस रहे थे. नीतीश कुमार अब एक भगवा अंगौछा कंधे पर डाल लें और जय श्री राम करते रहें.”

मुलायम के कहने पर नीतीश को नेता माना
लालू यादव ने कहा, “नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने उन्हें जहर कहा. मैं नहीं चाहता था कि नीतीश कुमार पर भरोसा किया जाए. भरोसा ना होने पर भी हमने इन्हें जनता के आगे खड़ा किया. दिल्ली में मुलायम सिंह के आवास पर मैंने कहा था कि अगर दंगाई और बलवाई फोर्स से अगर लड़ने के लिए अगर जहर भी पीना पड़ेगा तो पाएंगे. मैंने सिर्फ नीतीश को नेता सिर्फ मुलायम सिंह यादव के कहने पर माना था.”

नीतीश मेरे बच्चों की बलि चढ़ाना चाहते थे
लालू यादव ने कहा, ”नीतीश कुमार मेरे पास आए थे, मैंने कहा कि अब हम लोगों को बच्चों को आगे करना चाहिए. इन्होंने कहा कि बस एक टर्म दे दीजिए. लेकिन जब तेजस्वी की लोकप्रियता बढ़ने लगी तब इन्हें दिक्कत हुई. नीतीश कुमार मेरे बेटे की बलि चढ़ाना चाहते थे. नीतीश कुमार मेरे बेटे तेजस्वी से डर गए. नीतीश कुमार सत्ता के लालची हैं.

नीतीश कुमार भूल जाते हैं कि उनकी हैसियत क्या है
लालू यादव ने कहा, “ये कहते हैं कि हमने अपना वोट लालू यादव को ट्रांसफर किया और लालू का वोट हमें ट्रांसफर नहीं हुआ. नीतीश कुमार भूल जाते हैं कि उनकी हैसियत क्या है. हम 1977 में लोकसभा सीटे थे, तब नीतीश कुमार का कोई अता पता नहीं थे. नीतीश कुमार दो बार विधायकी का चुनाव हारे, एक बार लोकसभा का भी चुनाव हारे.”

नीतीश जननेता हैं तो कुर्मी सम्मेलन में क्यों गए?
लालू यादव ने कहा, ”नीतीश कुमार कहते हैं वो मास के नेता हैं और मैं कास्ट का नेता हूं. अगर ऐसा हो तो नीतीश कुमार जवाब दें कि 1994 में मेरे खिलाफ गांधी मैदान में कुर्मी सम्मेलन किसने किया था. नीतीश बताएं आज तक हमने देश में कहीं भी यादव सम्मेलन किया हो. मैं सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय वाला नेता हूं. नीतीश कुमार जानबूझ कर दिल्ली से अपनी पसंद के अफसरों को बिहार लाए.”

तेजस्वी इस्तीफा भी देता तब ये BJP के साथ जाते
लालू यादव ने कहा, “नीतीश कुमार शुरू से ही मोदी से मिले थे. तेजस्वी इस्तीफा भी दे देता तो भी यह गठबंधन छोड़ देते. कल अमित शाह ने कहा हमने किसी को नहीं तोड़ा नीतीश तोड़ कर नहीं लाए. बिना सीएम की इजाजत के किसी संवैधानिक व्यक्ति के यहां सीबीआई छापा मार सकती है क्या? नीतीश शुरुआत से ही हमसे घृणा करता था.”

 

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