लीबिया में अगवा दो भारतीय बचाए गए, बाकी दो के लिए कोशिशें जारी

libya1त्रिपोली। लीबिया में शुक्रवार को अगवा किए गए चार भारतीयों में से दो को छुड़ा लिया गया है। छुड़ाए गए बंधकों के नाम लक्ष्मीकांत और विजय कुमार हैं। इनकी रिहाई कैसे हुई और इन्‍हें किसने, क्‍यों अगवा किया था, इस बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दोनों की सुरक्षित वापसी पर खुशी जताई और कहा कि बाकी दो को भी छुड़ाने की कोशिश जारी है। इन चारों को लीबिया के सिर्ते से अगवा कर लिया गया था। चारों लीबिया में पढ़ाते हैं। ये हैदराबाद और कर्नाटक के रहने वाले हैं। इनके अपहरण का शक आतंकी संगठन आईएसआईएस पर है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि चार में से तीन यूनिवर्सिटी ऑफ सिर्ते में फैकल्टी हैं, जबकि एक यूनिवर्सिटी के दूसरे कैंपस में काम करते हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार ने पिछले साल एडवाइजरी जारी करके जंग से प्रभावित लीबिया से भारतीयों को निकलने के लिए कहा था। आईएसआईएस ने इराक के शहर मोसुल में 39 भारतीयों को अगवा कर लिया था। विदेश मंत्रालय इनके सुरक्षित होने का दावा करता आया है, हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इनके मारे जाने की खबर आई थी।
ISIS से भारत को कितना खतरा है?
 1. बीते साल नवंबर महीने में ही आगाह कर चुके थे एनएसए डोभाल
नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने नवंबर में ही आगाह कर दिया था कि पीओके के मामले में सरकार को रणनीतिक नजरिया अपनाना चाहिए। वहां आतंकियों के बढ़ रहे मूवमेंट के मद्देनजर उसके संभावित नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए। डोभाल ने एक लीडरशिप समिट में कहा था, “देश के किसी भी धार्मिक मुस्लिम नेता ने आईएसआईएस का सपोर्ट नहीं किया है। सभी ने आईएस और अल कायदा के खिलाफ फतवे जारी किए हैं। आईएसआईएस और अल कायदा देश में आतंकी हमले कर हिंसा फैला सकते हैं, लेकिन हमारा देश इतना मजबूत कि वह ऐसे संगठनों से निपट लेगा।”
 2. राजनाथ सिंह को लगता था- आईएस से देश को खतरा नहीं है
मार्च में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जयपुर में कहा था कि देश में आईएसआईएस का असर नहीं है। भारतीय मुस्लिम युवकों को आकर्षित करने में आईएसआईएस नाकाम रहा है।
 3. एनआईएभी कह चुकी है- भारत के खिलाफ साजिश रच सकता है आईएसआईएस
मुंबई के कल्याण से भागकर आईएसआईएस में शामिल होने गए अरीब मजीद के खिलाफ मई में नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दायर की थी। इसमें एनआईए ने कहा था कि हो सकता है कि आईएस आने वाले समय में भारत विरोधी आतंकी समूहों से रिश्ते बढ़ा ले। आईएस यह साजिश रच रहा है कि कैसे भारतीय युवकों और एनआईआर लोगों को संगठन से जोड़कर इराक-सीरिया के साथ भारत और अन्य एशियाई देशों में आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाए।
 4. भाजपा सांसद को ही मिली ISIS की धमकी
जून में भाजपा सांसद तरुण विजय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस आयुक्त को भेजी शिकायत में कहा कि उन्हें जिहाद के खिलाफ लेख लिखने के लिए आईएसआईएस से जान से मारने की धमकी मिली है। उन्होंने कहा था कि उनकी ईमेल आईडी 15 दिन में दो बार हैक हो गई थी। इसी में उन्हें धमकी मिली।
5. एक्शन प्लान बना रही है सरकार
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जून के आखिर में ही गृह मंत्रालय में सेक्रेटरी एल.सी. गोयल ने स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्युरिटी) अशोक प्रसाद को एक नोट भेजा। इसमें उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवक तेजी से कट्टरपंथी की तरफ जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए एक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए, ताकि जाहिर तौर पर और खुफिया तरीके से अभियान चलाया जा सके। इसकी वजह यह है कि आईएसआईएस के कारण जम्मू-कश्मीर में खतरा बढ़ गया है।
6. कश्मीर में लहरा चुके हैं IS के झंडे
जम्मू-कश्मीर में इस साल कई मौकों पर आईएसआईएस के झंडे देखे गए हैं। बताया जाता है कि आईएस के झंडे रखने वाले 11 युवकों को सर्विलांस पर रखा गया है।
 

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