……..लेकिन नहीं पिघले मुलायम

नई दिल्ली। आरजेडी-जेडी (यू) की महागठबंधन से रूठे मुलायम को मनाने की कोशिश शुक्रवार को सफल नहीं हो सकी। पटना से दिल्ली आए अध्यक्ष लालू प्रसाद और शरद यादव मुलायम को मनाने उनके आवास पर गए, लेकिन मुलायम नहीं पिघले! इस मुलाकात के बाद लालू और शरद ने हालांकि कहा कि यह गठबंधन जारी रहेगा, लेकिन मुलायम इसकी तस्दीक करने के लिए उनके साथ मौजूद नहीं थे। साफ था कि मुलायम अभी नरम नहीं पड़े हैं।
लालू ने मुलायम को दिया रिश्तेदारी का वास्ता! महागठबंधन की टूट को बचाने के लिए लालू मुलायम को रिश्तेदारी का वास्ता भी देते दिखे। मुलायम से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जहां तक मेरा सवाल है तो मुलायम सिर्फ हमारे बड़े ही नहीं हैं, हमारे रिश्तेदार भी हैं। हमारा उन पर पूरा हक भी है। हम चाहते हैं कि देश में समाजवादी व्यवस्था आए। बिहार की स्वाभिमान रैली में बिहार की जनता ने जो एकजुटता दिखाई है, इसका असर यह हुआ कि भागलपुर में मोदी की रैली फ्लॉप हो गई।’
‘हमारी सीटें भी मुलायम की हैं’
उन्होंने कहा, ‘हमने बैठक में नेताजी से आग्रह किया है कि इस चुनाव में ज्यादा जिम्मेदारी उनकी है। इसके बाद यूपी का चुनाव भी है। हम लोगों ने आग्रह किया कि वे अपने अपने फैसले पर विचार करें। बैठकर, बातचीत करके हम गठबंधन को जारी रखेंगे।’
समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बने बीजेपी विरोधी महागठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान किया था। मुलायम से पारिवारिक रिश्ते भी रखने वाले लालू मुलायम को महागठबंधन में बने रहने के लिए मनाने की खातिर शुक्रवार दोपहर दिल्ली पहुंचे थे। महागठबंधन के बड़े साझेदारों की ओर से ‘अपमान’ किए जाने की शिकायत करते हुए समाजवादी पार्टी ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया था।
सपा की शिकायत थी कि महागठबंधन के बड़े दलों ने सीट बंटवारे के मुद्दे पर उनसे कोई विचार-विमर्श नहीं किया। सीट बंटवारे के फॉर्म्युले के तहत जेडीयू को 100, आरजेडी को 98 और कांग्रेस को 40 सीटें दी गई थीं, जबकि महज पांच सीटें एसपी के लिए छोड़ दी गई थीं और यही बात एसपी को नागवार गुजरी। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :
कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:
हमें ईमेल करें : [email protected]