वर्किंग क्लास को ढेरों गिफ्ट देगी मोदी सरकार

मैटरनिटी लीव 3 से 6 महीने करेगी सरकार, बोनस की सीमा भी बढ़ेगी

maternityतहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार कामकाजी महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव पीरियड 3 से बढ़ाकर 6 महीने करना चाहती है। साथ ही, बोनस पाने के लिए सैलरी की सीमा बढ़ाकर डबल करने की भी तैयारी है और ग्रैच्यूटी को भी जॉब के साथ ही ट्रांसफर किया जाना मुमकिन होगा। एंप्लॉयमेंट लॉ में इन बदलावों के जरिये मोदी सरकार वर्किंग क्लास का भरोसा जीतने की कोशिश करेगी। साथ ही, सरकार का इरादा लेबर नियमों में और महत्वाकांक्षी रिफॉर्म शुरू करने का है, जिसे अक्सर इन्वेस्टमेंट रोकने और रोजगार पैदा होने में बाधा की तरफ देखा जाता है।
लेबर मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘पेमेंट ऑफ बोनस ऐक्ट में बदलाव से बोनस पाने के लिए सैलरी की सीमा 10,000 रुपये प्रति महीना से बढ़कर 19,000 रुपये महीना हो जाएगी। इस मसले पर मंत्रियों की टिप्प्णी के लिए इसके कैबिनेट नोट का ड्राफ्ट पेश किया गया है।’ उनके मुताबिक, इससे अलग सरकार मैटरनिटी बेनेफिट्स ऐक्ट, 1961 और पेमेंट ऑफ ग्रैच्यूटी ऐक्ट, 1972 में भी संशोधन की तैयारी में है। फिलहाल, कानून के मुताबिक कंपनियों के लिए एंप्लॉयीज को 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव देना जरूरी होता है। हालांकि, कुछ बड़ी कंपनियां अडिशनल टाइम और बाकी बेनेफिट्स ऑफर करती हैं। मिसाल के तौर पर एक्सेंचर 5 महीने की छुट्टी देती है, जबकि फ्लिपकार्ट ऐसे मामलों में 24 हफ्ते की पेड लीव ऑफर करती है। कई मल्टिनैशनल कंपनियां और इन्वेस्टमेंट बैंक भी इस तरह की सुविधाएं देते हैं। अधिकारी ने बताया, ‘महिला और बाल विकास मंत्रालय इस मामले पर लंबे समय से काम कर रहा है और यह मुख्य तौर पर महिलाओं की बेहतरी के लिए जिम्मेदार है, लिहाजा हम मैटरनिटी लीव को बढ़ाकर 24 हफ्ते किए जाने के लिए ट्रेड यूनियनों और एंप्लॉयर्स से बात कर रहे हैं।’ इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है कि मैटरनिटी लीव में बढ़ोतरी का फायदा सिर्फ दो बच्चों तक सीमित कर दिया जाए और तीसरा बच्चा पैदा करने वाले एंप्लॉयी को मौजूदा नियमों की तर्ज पर 12 हफ्ते की छुट्टी दी जाए। इसी तरह, ग्रैच्युटी ऐक्ट में संशोधन के लिए इसी तरह की बातचीत हो रही है, ताकि यह प्रावधान खत्म किया जा सके, जिसके तहत इसका फायदा हासिल करने के लिए एक ही संस्थान में कम से कम 5 साल तक काम करना जरूरी होता है। एंप्लॉयीज के प्रतिनिधि ग्रैच्यूटी पाने की शर्त को आसान बनाने की मांग कर रहे हैं। ये प्रतिनिधि चाहते हैं कि पांच साल तक लगातार एक संस्था में नौकरी करने का नियम खत्म हो जाए। अधिकारी ने बताया, ‘जहां हम ग्रैच्यूटी बेनेफिट्स के लिए पांच साल की शर्त को कम करने की पड़ताल कर रहे हैं, वहीं अगर हम इसके लिए एक जॉब से दूसरी जॉब में ट्रांसफर का नियम लागू कर दें, तो यह शर्त पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। लिहाजा, हम दोनों विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।’

 

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