वाराणसीः बाबा जय गुरुदेव के कार्यक्रम में भगदड़, 24 लोगों की मौत, PM ने शोक जताया
लखनऊ/वाराणसी। बाबा जयगुरुदेव के प्रमुख शिष्य पंकज महाराज की ओर से शाकाहार और मद्यनिषेध के प्रचार के लिए निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 24 हो गई है। इस हादसें में दर्जनों लोग घायल हुए हैं। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। भगदड़ के चलते दर्जनों मासूम बच्चे अपने मां-बाप से बिछड़ गये हैं।
बनारस और चंदौली को जोड़ने वाले राजघाट पुल के पास हुए इस हादसे के बाद चारों तरफ कोहराम मचा है। घायलों को बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पांच घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। भगदड़ में मृतकों की संख्या और बढने की आशंका हैं। मृतकों को प्रदेश सरकार की ओर से दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है। बनारस के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करने के साथ जिले के आला अधिकारियों से बात करके जानकारी हासिल की है।
Deeply saddened by the loss of lives in the stampede in Varanasi. Condolences to the bereaved families. Prayers with those injured.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2016
Varanasi stampede: PM announces ex-gratia of Rs. 2 lakhs each to next of kin of those killed, Rs 50,000 for those injured
— ANI UP (@ANINewsUP) October 15, 2016
बनारस के इतिहास में सबसे लंबा जुलूस
बाबा जयगुरुदेव के प्रमुख शिष्य पंकज महाराज की ओर से गंगा पार रामनगर थानाक्षेत्र के डुमरी गांव में धार्मिक समागम का आयोजन रविवार को किया गया था। समागम से पहले प्रभातफेरी का आयोजन किया गया। इस आयोजन में देश के कोने-कोने से एक लाख से ज्यादा लोग जुटे थे।
आयोजन स्थल से निकला जुलूस डोमरी से निकलकर पड़ाव, राजघाट, मच्छोदरी, मैदागिन, गोदौलिया, लहुरावीर, नाटीइमली, हरतीरथ, गोलगड्डा होकर फिर पड़ाव होते डोमरी पहुंचना था। सबेरे 8 बजे निकले जुलूस का एक सिरा जब राजघाट पुल के ऊपर था तो दूसरा लहुरावीर तक पहुंच गया था। राजघाट पर कुछ महिलाओं के गर्मी से गश खाकर गिरने के कारण भगदड़ की अफवाह फैल गई, देखते ही देखते ही लोग भागने लगे।
राजघाट पुल के उस पार मचे भगदड़ के चलते यह हादसा हुआ। कई लोग भीड़ के चपेट में आकर गिरने के बाद कुचलकर भी मर गये। इस हादसे की जानकारी मिलते ही जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। भगदड़ और जाम के चलते पुलिस को घटनास्थल पर ही पहुंचने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया।
भगदड़ के बाद घटनास्थल की तस्वीर
तीन हजार की अनुमति थी तीन लाख पहुंचे
बनारस के जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन के आयोजकों की ओर से तीन हजार लोगों के पहुंचने के लिए अनुमति ली गई थी, जबकि भीड़ तीन लाख के आसपास जुटी थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन की अनुमति को तोड़ने को लेकर आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गर्मी व दम घुटने से हुई ज्यादातर की मौत
धार्मिक जुलूस के दौरान मचे भगदड़ को लेकर प्रशासन भी सकते हैं। बनारस के एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहा कि पहली नजर में मौत की वजह तो गर्मी और दम घुटना ही प्रतीत होता है। भीड़ अत्याधिक होने के साथ गर्मी के कारण तीन घंटे तक जाम में फंसे कुछ लोगों के बेहोश होने के बाद यह हादसा हुआ। वाराणसी के आईजी एसके भगत ने कहा कि लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई है। प्रदेश सरकार ने घायलों को मुफ्त इलाज का भी ऐलान किया है।
भगदड़ में मरे इन लोगों की हुई अब तक शिनाख्त
भगदड़ के दौरान जिन 19 लोगों की मौत हुई है, उनमें से अभी तक तीन लोगों की शिनाख्त हो सकी है। इस हादसे के शिकार रायबरेली के रहने 52 वर्षीय नवलकिशोर मिश्रा के साथ उनकी 48 वर्षीय पत्नी सावित्री मिश्रा की भी कुचलकर मौत हो गयी है। सीतापुर के रहने वाली 40 साल की राजवंती पत्नी लालजी चौहान के शव भी शिनाख्त हो चुकी है। बाकी शवों के शिनाख्त के लिए आयोजकों से पुलिस-प्रशासन मदद ले रहा है।
बीजेपी ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री महेंद्रनाथ पाण्डेय ने वाराणसी में हुई भगदड़ की घटना को लेकर शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार तत्काल हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त करे। इसके साथ ही इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से मृतकों के परिजनों को कम से कम दस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
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