विज्ञापन के जरिए चीन ने शर्मनाक तरीके से उड़ाया भारत का मजाक

पेइचिंग। विश्व के सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक चीन ने अपनी जनता को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में चेताने और उन्हें निम्न कार्बन विकास के इर्द-गिर्द ही अपने भविष्य की योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते मुंबई जैसे भारतीय शहरों के पर्यावरण मुद्दों का चित्रण करते हुए सार्वजनिक स्थलों पर विज्ञापन लगाए हैं।
मुंबई, इलाहाबाद एवं अन्य शहरों के चित्रों को प्रदर्शित करने वाले ये विज्ञापन वांगफुजिंग सिटी और इस पुराने इलाके के मध्य क्षेत्र में लोगों का ध्यान प्रदूषण के दुष्परिणामों के प्रति आकर्षित करने के लिए लगाए गए हैं।
कार्बन कटौती और अपनी अर्थव्यवस्था पर उसके दुष्प्रभावों को न्यूनतम करने का संकल्प लेने वाले चीन ने इन विज्ञापनों में भारतीय शहरों में प्लास्टिक के कूड़े और रेतीले तूफान के मुद्दों को दर्शाया है। उसने विज्ञापन में पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निबटने के तरीके भी सुझाए हैं। एक विज्ञापन में कहा गया है कि मुंबई में समुद्र तट प्लास्टिक के कूड़े से ढके हैं और किशोरों के पास कूड़े के इन ढेरों पर क्रिक्रेट खेलने के सिवा कोई विकल्प नहीं है। इस विज्ञापन में एक बच्चा तट पर कूड़े के ढेर पर खेल रहा है। दूसरे विज्ञापन में इलाहाबाद के संदर्भ में है जिसमें कहा गया है कि 12 जुलाई, 2015 को भारत के इलाहाबाद शहर में रेतीला तूफान आया और पदयात्री इस बालू के चलते एक दूसरे को देख नहीं पा रहे थे। इस विज्ञापन में एक तस्वीर है जिसमें चार लोग रेतीले तूफान का सामना करते हुए ‘गंगा बचाओ’ अभियान के लिखे हुए नारे की तरफ जा रहे हैं।
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