वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में मुख्य सचिव को खिलाया गया भोग, दो निलंबित


बांके बिहारी मंदिर में प्रसाद खाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई हुई है। इसी आधार पर सिविल कोर्ट ने नियमावली बनाई थी। लेकिन, 30 जून को प्रमुख सचिव, डीएम और एसएसपी समेत कई अधिकारियों ने बांकेबिहारी के शयन के दौरान मंदिर परिसर में रात करीब 10.45 बजे भोजन-प्रसाद खाया। उनके लिए टेबल और कुर्सियां लगवाई गई थी। बताया जा रहा है कि आरोपी गोस्वामियों ने यह सब अपना रुतबा बढ़ाने के लिए किया था। बताते चलें कि इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति को भी वहां प्रसाद नहीं ग्रहण करने दिया गया था।
24 घंटे के अंदर मांगा गया है जवाव
इस मामले में विवाद शुरू होने पर मंदिर प्रबंध कमिटी के अध्यक्ष नंदकिशोर उपमन्यु की अध्यक्षता में प्रबंध कमिटी के सदस्यों ने जांच शुरू की। उपमन्यु के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर प्राथमिक तौर पर मंदिर के सेवायत आनंद गोस्वामी और जुगल गोस्वामी को जिम्मेदार मानते हुए नोटिस भेजा गया है। उनसे 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन का मामला
मंदिर के प्रशासन प्रबंधक मनीश कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सिविल कोर्ट ने 30 अक्टूबर 2004 को मंदिर में प्रसाद ग्रहण करने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद मंदिर में भगवान बांके बिहारी के सोने के बाद टेबल कुर्सी लगाकर प्रसाद खाया गया। यह कदम अदालत के आदेश के विपरीत है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में भोजन कराते हुए दो गोस्वामियों की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में नजर आई है।
दोनों गोस्वामियों पर लग चुका है आरोप
बताया जा रहा है कि इन दोनों गोस्वामियों ने इससे पहले भी आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया था। उस वक्त मंदिर में ठाकुर जी को जींस पहना दिया गया था। उनके हाथों में मोबाइल भी रखा गया था। उस वक्त भी भक्तों ने इसका जबरदस्त विरोध किया था।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :
कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:
हमें ईमेल करें : [email protected]