वेमुला, कश्मीर और JNU पर बनी डॉक्यूमेंट्री दिखाने की केंद्र सरकार ने नहीं दी अनुमति

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हालही में देश में घटित तीन विवादस्पद घटनाओं पर बनी डॉक्यूमेंट्री को दिखाए जाने की अनुमति नहीं दी। 16 जून से केरल में शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय वृत्तचित्र और लघु फिल्म महोत्सव में इन डॉक्यूमेंट्री को दिखाया जाना था। इस महोत्सव का आयोजन केरल स्टेट चलचित्र अकेडमी द्वारा किया जाना था।

एक रिपोर्ट के अनुसार जिन पर केंद्र सरकार ने रोक लगाई उनमे दलित शोधार्थी रोहित वेमुला पर बनी 45 मिनट की डॉक्यूमेंट्री भी शामिल है। दलित शोधार्थी रोहित वेमुला के बारे में डॉक्यूमेंट्री ‘द अनबियरएबल बीइंग ऑफ़ लाइटनेस’, युवा कश्मीरी कलाकारों एवं छात्रों के एक समूह की जिंदगियों के बारे में ‘इन द शेड ऑफ फॉलेन चिनार’ और जेएनयू विरोध प्रदर्शन पर बनी ‘मार्च मार्च मार्च’ इसमें शामिल हैं।

हालाँकि फेस्टिवल में इनको दिखने के लिए सेंसर बोर्ड की अनुमति की आवश्यकता नहीं है लेकिन इसके लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय की मंजूरी लेना जरूरी है। इस पर गुस्सा जताते हुए केरल चलचित्र अकादमी अध्यक्ष और महोत्सव के निदेशक कमल ने कहा कि देश में सांस्कृतिक आपातकाल लगा हुआ है।

 

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