व्यापमं घोटाला: जेल मे बंद 70 आरोपियों ने राष्ट्रपति से की इच्छा मृत्यु की मांग

तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मण्डल (व्यापमं) घोटाले मे जेल की हवा खा रहे 70 आरोपियों ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। इन आरोपियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर अपनी यह मांग रखी है। आरोपियों की यह मांग करते हुए इस मामले की पहले जांच कर रहे एसआईटी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। आपको बता दे कि यह वे 70 आरोपी हैं जिन्हे एसआईटी ने प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) मे फर्जीवाड़े मे लिप्त पाया था। इन आरोपियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए अनुरोध किया है कि उन्हें या तो जमानत दिलाई जाए या फिर मरने की परमिशन। राष्ट्रपति के साथ-साथ आरोपियों ने इस पत्र की एक प्रतिलिपि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार को भी भेजी है।
सेंट्रल जेल ग्वालियर में कैद इन 70 आरोपियों ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में शिकायत की है कि एसआईटी अधिकारियों की गतल जांच प्रणाली की वजह से जेल में बंद हैं। जबकि अभी तक उनके खिलाफ आरोप भी साबित नहीं हो सके हैं। उन्होने आरोप लगाते हुए अपने पत्र मे कहा है कि उनसे जबरदस्ती ज्ञापन पर हस्ताक्षर कराये गए थे। साथ ही उन्होने यह भी कहा है कि एसआईटी उनको प्रताड़ित कर आरोप मनवाने का प्रयास भी कर रही है। उन्होने कहा कि उन्होने निचली अदालत और उच्च न्यायालय मे जमानत के लिए गुहार भी लगाई लेकिन जांच की खामियों की वजह से उन्हे जमानत नहीं मिल सकी। इसके अलावा उन्होने इन पत्र मे न्याय प्रक्रिया पर भी प्रश्नचिह्न लगाया है। उनका कहना है कि न्याय प्रक्रिया मे उनके साथ पक्षपात किया गया है। पत्र के माध्यम से आरोपियों ने बताया है कि जबलपुर, भोपाल और इंदौर में गिरफ्तार किए गए कई विद्यार्थियों को जमानत मिल गई है, जबकि उन विद्यार्थियों पर भी वैसे ही आरोप लगे थे जैसे हम पर लगे थे। लेकिन हमे अभी तक लाख कोशिशों के बावजूद भी जेल में ही रहना पड़ रहा है। साथ ही साथ इन आरपियों ने राष्ट्रपति के सामने अपने भविष्य का भी मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि लंबे समय से जेल मे बंद रहने की वजह से हम मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं जिसकी वजह से आत्महत्या करने का विचार मन मे आ रहा है। जेल मे बंद रहने की वजह से हमारा भविष्य भी अंधकारमाय हो गया है। हमारी पारिवारिक और आर्थिक स्थिति भी डामाडोल हो गई है और हमारा परिवार भुखपरी की कगार पर आ गया है। हम सभी किसी न किसी प्रकार से चिकित्सीय पेशे से जुड़े हैं हम मे कुछ शासकीय डाक्टर हैं तो कुछ इस क्षेत्र मे विद्यार्थी। मालूम हो कि इन दिनों संसद मे चल रहे मानसून सत्र में विपक्षी दल व्यापमं घोटाले को लेकर जमकर हंगामा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं इस मामले को लेकर जांच कर रही सीबीआई नए-नए खुलासे कर रही है। सीबीआई द्वारा बीते बुधवार को आठ नई एफ़आईआर दर्ज की गई हैं जिसके साथ ही सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की संख्या 45 हो गई है। ज्ञात हो कि व्यापमं घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायालय ने नौ जुलाई को सीबीआई को सौंपी थी। आपको यह भी बता दे कि 2007 से लेकर अभी तक इस मामले मे लगभग 34 लोगों की मौत हो चुकी है।
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