शंकराचार्य स्वरूपानंद ने रिलीज किया साईं बाबा पर हमला करते हनुमानजी का पोस्टर

sai babaभोपाल। साईं बाबा के खिलाफ बयानों लेकर विवादों में रहे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने शुक्रवार को भोपाल में एक विवादास्पद पोस्टर जारी किया। इस पोस्टर में भगवान हनुमान जी पेड़ उखाड़कर उससे साईं बाबा को पीटते नजर रहे हैं। पोस्टर में साईं बाबा भागते हुए भी दिख रहे हैं। इस मौके पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि जहां-जहां साईं के मंदिर हैं, वहां हनुमान जी के मंदिर बनाए जाएंगे। उन्होंने दोहराया कि साईं बाबा भगवान नहीं हैं। उनकी पूजा नहीं होनी चाहिए।
दावा-एक शिष्य को सपने में हनुमानजी दिखे
शंकराचार्य शुक्रवार को भोपाल के जवाहर चौक के पास बने आश्रम में आए थे। उनके शिष्य रामानंद जी नेबताया कि नांदेड़ में एक शिष्य को सपने में हनुमान जी दिखे। उन्होंने कहा कि साईं बाबा को भारत से खदेड़ना है। उनकी कल्पना के आधार पर ये पोस्टर तैयार किया गया है। रामानंद जी का दावा है कि तीन साल के अंदर साईं बाबा को भारत से पाकिस्तान भेज दिया जाएगा। जहां-जहां भी उनके मंदिर हैं, वहां हनुमान जी के मंदिर बना दिए जाएंगे।
साईं बाबा को लेकर लंबे समय से चल रहा है विवाद
साईं बाबा के खिलाफ शंकराचार्य पिछले एक साल से बयानबाजी कर रहे हैं। साईं के खिलाफ शंकराचार्य की बयानबाजी के बाद कई साईं भक्तों का उन पर गुस्सा भी फूटा है और जगह-जगह प्रदर्शन भी हुए हैं। शंकराचार्य का कहना है, ‘साईं बाबा का नाम चांद मियां था और वे मुसलमान थे। आज मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियां साईं के चरणों में रखी हुई हैं। सनातन धर्मियों के मंदिरों में देवताओं का यह अपमान है। रामनवमी के अवसर पर कई जगह पर लोग साईं बाबा की शोभा यात्रा निकालते हैं। यह बात हमें बहुत खराब लगती है।’
शंकराचार्य पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
1. साईं बाबा न भगवान हैं, न गुरु : द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती ने पहले भी ऐसे ही बयान दिए हैं। उन्होंने कहा पिछले साल जून में कहा था- साईं बाबा न भगवान हैं और न ही गुरु। उन्‍होंने उनकी पूजा करना गलत है। कहा जाता है कि पूजा अवतार या गुरु की जाती है। सनातन धर्म में भगवान विष्‍णु के 24 अवतार माने जाते हैं। कलयुग में बुद्ध और कल्कि के अलावा किसी अवतार की चर्चा नहीं है। इसलिए, साईं अवतार नहीं हो सकते। रही बात गुरु मानने की, तो गुरु वह होता है जो सदाचार से भरा हो, लेकिन साईं मांसाहारी थे। इस साल अप्रैल में उन्होंने कहा था- शिरडी में साईं की मजार बनी हुई है, उससे यह साबित होता है कि साईं मुसलमान थे क्योंकि, हिन्दुओं में जो समाधि दी जाती है, वह गोल आकार की होती है और मजार लंबे आकार की होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि साईं की जहां मजार बनाई गई है, वहीं मूर्ति भी है।
2. क्या भगवान की जगह मोदी को बैठा देंगे : लोकसभा चुनाव के वक्त जब ‘हर-हर मोदी’ नारे लगने लगे तो स्‍वरूपानंद ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा था- नारा तो ‘हर हर महादेव’ का होता है। क्‍या अब भगवान शिव की जगह मोदी की फोटो लगेगी? भगवान की जगह मोदी को बैठा देंगे? बाद में मोदी ने समर्थकों से इस नारे का इस्‍तेमाल नहीं करने की अपील की थी।
क्रांतिकारी साधु कहलाते हैं शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती
– 2 सितम्बर, 1924 को मध्य प्रदेश में जबलपुर के पास जन्मे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारका पीठ के धर्मगुरु हैं।
– वे 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ हुए भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा ले चुके हैं। जेल भी जा चुके हैं। लिहाजा, क्रांतिकारी साधु के नाम से भी पहचाने जाते हैं।
– एमपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह जैसे नेता उनके शिष्य हैं।
– 1973 में उन्हें ज्योतिषपीठ का शंकराचार्य बनाया गया।
– 1982 को वे द्वारका पीठ की गद्दी पर बैठे।
– वे रामजन्म भूमि आंदोलन को राजनीति से दूर रखने के लिए शंकराचार्यों के साथ मिलकर रामजन्मभूमि रामालय न्यास भी बना चुके हैं।
– साई बाबा पर बयानबाजी से पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती नरेंद्र मोदी के सवाल पर एक पत्रकार को थप्पड़ जड़ चुके हैं।
– दरअसल, पत्रकार ने शंकराचार्य से मोदी के पीएम बनने को लेकर सवाल किया था। पत्रकार के इस सवाल पर शंकराचार्य बिफर गए थे।
 

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