शरद यादव को झटका, राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाए गए

नई दिल्ली। बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन करके सत्ता में वापसी के बाद जेडीयू अब एनडीए में शामिल हो सकती है। बीजेपी चीफ अमित शाह ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को केंद्र में सत्तारूढ़ नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (NDA) में शामिल होने का ट्विटर के जरिए खुला न्योता दिया है। शाह ने नीतीश के साथ मुलाकात की तस्वीर भी शेयर की। बता दें कि इससे पहले नीतीश ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। दूसरी तरफ, बागी तेवर अपना चुके शरद यादव को राज्यसभा में नेता पद से हटा दिया गया है। जल्द ही उन्हें पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जेडीयू न केवल सरकार में शामिल हो सकती है, बल्कि नीतीश को एनडीए का संयोजक भी बनाया जा सकता है। बता दें कि फिलहाल नीतीश और बीजेपी से नाराज चल रहे शरद यादव किसी वक्त एनडीए के संयोजक हुआ करते थे।
कल JD(U) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @NitishKumar जी से अपने निवास पर भेंट हुई। मैंने उन्हें JD(U) को NDA में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
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Met Chief Minister of Bihar Shri @NitishKumar. https://t.co/gUnIRzSxf4
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शरद यादव की तरह बागी तेवर अपनाए और सोनिया गांधी की विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने वाले जेडीयू सांसद अली अनवर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। खबर है कि अगला नंबर शरद यादव का हो सकता है। उनसे राज्यसभा में जेडीयू के संसदीय दल के नेता का पद छीन लिया गया है। शरद की जगह जेडीयू के संसदीय दल के नए नेता का पद आरसीपी सिंह को दिया गया है। जेडीयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि यादव की हाल की गतिविधियों के मद्देनजर यह कदम जरूरी था। सिंह के मुताबिक, अगर लीडर ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होगा तो इसकी निंदा सार्वजनिक तौर पर की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन तोड़ने को लेकर शरद यादव नीतीश पर लगातार हमलावर हैं। उन्होंने इस कदम को बिहार की जनता के साथ धोखा करार दिया था। शरद पर कार्रवाई के बारे में जब नीतीश से पूछा गया, ‘यह फैसला सिर्फ मेरा नहीं है और यह पार्टी की मर्जी से लिया जाएगा। अगर वह अलग राय रखते हैं तो वह ऐसा सोचने के लिए आजाद हैं।’ बता दें कि शरद यादव द्वारा अलग होकर नई पार्टी बनाने की भी अटकलें हैं।
बता दें कि पिछले महीने ही नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ नाता तोड़ते हुए बिहार के सीएम के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद नीतीश ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई और दोबारा से सीएम बने। उनके इस रुख से विपक्षी पार्टियों की एकता को तगड़ा झटका लगा। दरअसल, कांग्रेस की अगुआई वाला विपक्ष 2019 के आम चुनाव में मोदी से टक्कर लेने के लिए नीतीश कुमार पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी में था। नीतीश के बीजेपी के खेमे में जाने के बाद विपक्षी एकजुटता का सपना पूरी तरह बिखर गया।
नीतीश कुमार यह संकेत दे चुके हैं कि उनकी पार्टी एनडीए सरकार में शामिल सकती है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मुलाकात के बाद नीतीश ने शुक्रवार को कहा, ‘जब हम बिहार सरकार में साथ हैं तो स्वभाविक है कि हमारी पार्टी केंद्र सरकार भी जॉइन करे।’ केंद्रीय कैबिनेट में जल्द ही फेरबदल की जा सकती है क्योंकि कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों मसलन-डिफेंस, शहरी विकास, पर्यावरण और सूचना व प्रसारण मंत्रालय में पूर्णकालिक मंत्री नहीं हैं। माना जा रहा है कि 19 अगस्त को होने वाली नैशनल एग्जीक्यूटिव की बैठक के बाद जेडीयू एनएडीए में शामिल होने की आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
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