शशांक मनोहर दूसरी बार बने बीसीसीआई के प्रेसिडेंट

मुंबई। नागपुर के रहने वाले सीनियर एडवोकेट शशांक मनोहर रविवार को दूसरी बार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के निर्विरोध प्रेसिडेंट चुने गए। उनके नाम का प्रस्ताव ईस्ट जोन के सभी छह संगठनों ने किया था। पूर्व प्रेसिडेंट और आईसीसी चेयरमैन एन. श्रीनिवासन भी टक्कर में थे, लेकिन वह अपना दावा नहीं पेश कर सके। शशांक मनोहर के लिए सौरव गांगुली, बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने पहल की, जिससे श्रीनिवासन गुट को बैकफुट पर जाना पड़ा।
प्रेसिडेंट बनते ही करप्शन पर बोले…
बीसीसीआई के नए बॉस शशांक मनोहर ने कहा है कि क्रिकेट में वो सबसे पहलेकरप्शन को दूर करेंगे। उन्होंने कहा, “बीसीसीआई सभी उपायों को दो महीने की अवधि में लागू करेगी। बीसीसीआई अपने आप में एक बड़ा ब्रांड है, लेकिन प्रशंसकों के समर्थन के बिना यह इतना बड़ा ब्रांड नहीं बन पाता। हमारे दिवंगत अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए जो अच्छे काम किए थे, मैं उन्हें जारी रखना चाहूंगा।”
श्रीनिवासन खेमे की हार
बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने हाल ही में साफ कर दिया था कि अध्यक्ष पद के लिए रेस में सिर्फ एक कैंडिडेट मनोहर हैं। मनोहर को इस पद के लिए छह क्रिकेट एसोसिएशन पूर्वी क्षेत्र, बंगाल क्रिकेट संघ (कैब), ओडिशा, झारखंड, असम तथा त्रिपुरा क्रिकेट संघ का समर्थन हासिल था। इसके अलावा, बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और उनके खेमे का समर्थन भी मनोहर को हासिल था, जिससे एक बार फिर इस पद पर उनके चुने जाने का रास्ता साफ हो गया। सूत्रों के मुताबिक, अरुण जेटली और अनुराग ठाकुर के मनाने पर मनोहर फिर से पद संभालने को राजी हुए। शरद पवार की सहमति के बाद उनका पोस्ट संभालना तय हो गया।
सौरव गांगुली ने ये कहा
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा, “इससे पहले कई अहम लोगों ने बोर्ड की अगुआई की है। मनोहर ने भी इससे पहले इस पद पर रहते हुए बढ़िया काम किया था। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी वह बढ़ियां काम करेंगे।” गांगुली ने कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं, डालमिया के निधन के बाद हम सभी के सामने मुश्किलें आ गईं, इसलिए हम सभी के हित में जो हो, वही कर रहे हैं।” सीएबी अध्यक्ष के रूप में अपनी नई भूमिका के बारे में गांगुली ने कहा, “मैं पिछले 12-13 महीने से सीएबी का सचिव रहा। मैंने इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। न ही मैं इन परिस्थितियों में अध्यक्ष बनना चाहता था। डालमिया मेरे लिए सिर्फ सीएबी के अध्यक्ष ही नहीं थे, मैं उन्हीं के सामने पला-बढ़ा।”
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा, “इससे पहले कई अहम लोगों ने बोर्ड की अगुआई की है। मनोहर ने भी इससे पहले इस पद पर रहते हुए बढ़िया काम किया था। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी वह बढ़ियां काम करेंगे।” गांगुली ने कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं, डालमिया के निधन के बाद हम सभी के सामने मुश्किलें आ गईं, इसलिए हम सभी के हित में जो हो, वही कर रहे हैं।” सीएबी अध्यक्ष के रूप में अपनी नई भूमिका के बारे में गांगुली ने कहा, “मैं पिछले 12-13 महीने से सीएबी का सचिव रहा। मैंने इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। न ही मैं इन परिस्थितियों में अध्यक्ष बनना चाहता था। डालमिया मेरे लिए सिर्फ सीएबी के अध्यक्ष ही नहीं थे, मैं उन्हीं के सामने पला-बढ़ा।”
पिछली बार रहे तीन साल तक प्रेसिडेंट
2008 में प्रेसिडेंट बनने के बाद मनोहर का पिछला कार्यकाल तीन साल तक रहा था, जिसके बाद 2011 में एन श्रीनिवासन को बोर्ड का प्रमुख चुना गया। आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन श्रीनिवासन को वर्ष 2013 में आईपीएल भ्रष्टाचार मामले में दामाद गुरुनाथ मयप्पन के शामिल पाए जाने के बाद जबरन इस पद से हटना पड़ा था और यही कारण है कि दिवंगत डालमिया के बाद बीसीसीआई की कुर्सी हासिल करने की पुरजोर कोशिश के बावजूद उन्हें इस रेस से हटना पड़ा।
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