शाम होते ही रेड लाइट एरिया में बदल जाता है किताबों का यह बाजार 

budhwar-pethबेबाक राशिद सिद्दीकी

पुणे। बुधवार पेठ शहर का एक बड़ा व्यावसायिक केंद्र है और यहां दिन में किताबों की दुकानें लगती है। शाम को दुकानें बंद हो जाने के बाद यह इलाका जिस्म की मंडी के रूप में बदल जाता है। दिन में इसे देखकर नहीं लगता कि शाम को ये इलाक़ा रेड लाईट एरिया में तब्दील हो जाता होगा. सेक्स वर्कर्स की लाइफ पर काम करने वाली पुणे की एनजीओ ‘सहेली’ ने एशिया की दूसरी सबसे बड़ी देहव्यापार की मंडी यानि बुधवार पेठ में रहने वाली महिलाओं की हेल्थ, परिवार और रहन-सहन के तरीकों पर सर्वे किया है। ‘सुरक्षा’ नाम से किये गए इस सर्वे के मुताबिक वर्तमान समय में पुणे में 440 कोठे हैं, जिसमें 5 हजार से ज्यादा यौनकर्मी रह रहे हैं।

सर्वे का उद्देश्य
संस्था की डायरेक्टर तेजस्विनी सेवेकारी के मुताबिक इस हेल्थ सर्वे में सेक्स वर्कर्स के मासिक धर्म, उनकी प्रजनन क्षमता और यौन बीमारियों से संबंधित हर छोटी-बड़ी जानकारी जुटाई जाएगी। सर्वे का मुख्य उद्देश्य सेक्स वर्कर्स को गर्भावस्था, मातृ देखभाल, स्तनपान, प्रसव, सुरक्षित गर्भपात, परिवार नियोजन के लिए विभिन्न गर्भ निरोधकों के इस्तेमाल के तरीकों को बताना है, ताकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधित किसी तरह की कोई बिमारी न हो।

1 हजार सेक्स वर्कर्स का सर्वे
सर्वे के लिए संस्था ने कई सोशल वर्कर्स, हेल्थ एक्सपर्ट, ट्रेंड काउंसलर, एक अकाउंटेंट और एक प्रोजेक्ट डायरेक्टर की टीम लगाई थी। टीम में शामिल महिला अकाउंटेंट एक सेक्स वर्कर की बेटी है। सर्वे को और अधिक सटीक ढंग से करने के लिए बुधवार पेठ में रहने वाले स्थानीय लोगों और पुलिस से भी सहायता ली गई। इसके पहले चरण में 1000 से ज्यादा महिला यौनकर्मियों से जानकारी जुटाई गई है। जून में शुरू हुआ यह सर्वे अगले एक साल तक चलेगा। सर्वे का उद्देश्य रेडलाइट एरिया में रहने वाले पुरुषों को हेल्थ संबंधित बीमारियों से जागरूक करना है।

शाम को बन जाता है रेडलाइट एरिया
पुणे का बुधवार पेठ इलाका शहर का सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र है। यहां इलेक्ट्रॉनिक और किताबों की दुकानें बहुतायत में हैं। भीड़-भाड़ वाला इलाका होने के कारण शाम को जब यह दुकानें बंद हो जाती है तो बुधवार पेठ की कई गलियां रेड लाइट एरिया के रूप में गुलजार हो जाती हैं। भीड़ के चलते गलियों में पैदल चलना भी बहुत मुश्किल होता है।

बहुत कठिन जीवन
सर्वे के मुताबिक रेडलाइट एरिया में रहने वाली महिला यौनकर्मी 8×6 के छोटे-छोटे कमरों में उमस, गर्मी और दुर्गन्ध भरी के बीच अपने परिवार के साथ जीवन काट रही हैं। इन बदनाम गलियों में घुसने के लिए सिर्फ 5 फीट चौड़ी जगह है। इस इलाके में लकड़ी और कंक्रीट के बने पुराने घर देखने को मिल जाएंगे। शाम के बाद इन जर्जर मकानों के बारजे और सीढ़ीयों पर मेकअप लगाकर खड़ी लड़कियां पूरी रात इस इलाके को गुलजार रखती हैं।

बिल गेट्स भी आ चुके हैं 
इन्हीं बदनाम गलियों में साल 2008 में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक अध्यक्ष बिल गेट्स भी आ चुके हैं। उन्होंने यहां तकरीबन एक घंटे रहते हुए कॉमर्शियल सेक्स वर्करों से मुलाकात की थी और उन से एड्स समेत यौन जनित रोगों के बारे में चर्चा की थी। गेट्स की संस्था की ओर से सेक्स वर्कर्स के बच्चों के पुनरुत्थान के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान भी दिया गया था।

 

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