शीना मर्डर: केस दबाने की हुई थी कोशिश? रायगढ़ पुलिस पर उठे सवाल, होगी जांच

रायगढ़/मुंबई। शीना मर्डर केस को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब सवाल उठा है कि क्या तीन साल पहले शीना के मर्डर के बाद केस को दबाने की कोशिश की गई थी? जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए फैक्ट्स सामने आ रहे हैं। शनिवार को खुलासा हुआ कि 23 मई 2012 को कंकाल मिलने के बाद भी रायगढ़ पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। इस बीच, महाराष्ट्र के डीजीपी ने रायगढ़ पुलिस के खिलाफ जांच के ऑर्डर दे दिए हैं। इस बीच, मुंबई पुलिस तीनों (इंद्राणी, उसके ड्राइवर और संजीव खन्ना) को रायगढ़ ले गई है जहां शीना के बॉडी को ठिकाने लगाया गया था। वहीं, राहुल मुखर्जी और मिखाइल बोरा से पुलिस उस होटल में आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर रही है जहां शीना के मर्डर का प्लान बनाया गया था।
क्यों उठे पुलिस पर सवाल?
* 23 मई 2012 को रायगढ़ की पेण तहसील के जंगल में शीना की जली हुई बॉडी के पार्ट्स मिले थे। लेकिन पुलिस ने आगे कोई जांच नहीं की।
* रायगढ़ पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ का केस दर्ज नहीं किया।
* पुलिस का दावा है कि थाने में केस एंट्री की गई थी लेकिन किसी के खिलाफ एफआईआर की कोशिश नहीं की गई।
* रायगढ़ पुलिस के मौजूदा एसपी सुवेज़ हक ने शनिवार को दावा किया कि कंकाल मिलने के बाद कई लोगों के स्टेटमेंट लिए गए। लेकिन फिर भी केस नहीं दर्ज किया गया।
* शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रायगढ़ के एसपी यह बता पाने में नाकाम रहे आखिर क्यों केस रजिस्टर नहीं किया गया?
* 23 मई 2012 को रायगढ़ की पेण तहसील के जंगल में शीना की जली हुई बॉडी के पार्ट्स मिले थे। लेकिन पुलिस ने आगे कोई जांच नहीं की।
* रायगढ़ पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ का केस दर्ज नहीं किया।
* पुलिस का दावा है कि थाने में केस एंट्री की गई थी लेकिन किसी के खिलाफ एफआईआर की कोशिश नहीं की गई।
* रायगढ़ पुलिस के मौजूदा एसपी सुवेज़ हक ने शनिवार को दावा किया कि कंकाल मिलने के बाद कई लोगों के स्टेटमेंट लिए गए। लेकिन फिर भी केस नहीं दर्ज किया गया।
* शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रायगढ़ के एसपी यह बता पाने में नाकाम रहे आखिर क्यों केस रजिस्टर नहीं किया गया?
डीजीपी ने दिए जांच के आदेश
महाराष्ट्र के डीजीपी संजीव दयाल ने शीना बोरा मर्डर केस में लापरवाही बरतने के आरोप में रायगढ़ पुलिस के खिलाफ जांच का ऑर्डर दिया है। दयाल ने कहा, “शीना की बॉडी रायगढ़ के जंगल इलाके में 24 अप्रैल 2012 को मिली थी। वहां की पुलिस ने जंगल से बॉडी के कुछ टुकड़े बरामद किए और जांच के लिए जे. जे. अस्पताल भेज दिया। अस्पताल ने जांच रिपोर्ट पुलिस को भेज दी। लेकिन रायगढ़ पुलिस ने जांच पर ध्यान नहीं दिया और इसे लावारिस मामला माना।” रायगढ़ पुलिस सुप्रिटेंडेंट और एडिशनल पुलिस सुप्रिटेंडेंट के खिलाफ जांच के ऑर्डर दिए गए हैं।
महाराष्ट्र के डीजीपी संजीव दयाल ने शीना बोरा मर्डर केस में लापरवाही बरतने के आरोप में रायगढ़ पुलिस के खिलाफ जांच का ऑर्डर दिया है। दयाल ने कहा, “शीना की बॉडी रायगढ़ के जंगल इलाके में 24 अप्रैल 2012 को मिली थी। वहां की पुलिस ने जंगल से बॉडी के कुछ टुकड़े बरामद किए और जांच के लिए जे. जे. अस्पताल भेज दिया। अस्पताल ने जांच रिपोर्ट पुलिस को भेज दी। लेकिन रायगढ़ पुलिस ने जांच पर ध्यान नहीं दिया और इसे लावारिस मामला माना।” रायगढ़ पुलिस सुप्रिटेंडेंट और एडिशनल पुलिस सुप्रिटेंडेंट के खिलाफ जांच के ऑर्डर दिए गए हैं।
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