शीला दीक्षित पर लगा 400 करोड़ के गबन का आरोप, FIR कराएगी ‘आप’

sheelaतहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। वर्ष 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को लगभग एक लाख वोटों से करारी मात देकर मुख्यमंत्री के कुर्सी पर काबिज हुए अरविंद केजरीवाल ने अब शीला दीक्षित के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, आप सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री पर पानी-टैंकरों की खरीद-फ़रोख्त में 400 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप लगाया है। केजरीवाल सरकार ने शीला दीक्षित के खिलाफ इस आरोप के सापेक्ष केस दर्ज कराने की कवायद भी शुरू कर दी है। इस मामले में जलबोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष मतीन अहमद और भीष्म शर्मा और शीला सरकार के मंत्रिमंडल मे शामिल कई नेताओं के नाम भी उजागर हुए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला वर्ष 2012 का है। उस समय शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप मे कार्यरत थी। आरोप है कि शीला दीक्षित शासनकाल में स्टील टैंकर की खरीद फरोख्त मे करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है। बताया जा रहा है कि केजरीवाल सरकार ने पहले इस मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की और जब इस जांच में सकारात्मक पाया गया तो अब आप सरकार शीला दीक्षित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी मे लगी है।

आपको बता दें कि इसके पहले आप सरकार शीला दीक्षित पर 100 करोड़ रुपये के सीएनजी फिटनेस कैंप घोटाले का आरोप भी लगा चुकी है। और इस मामले की जांच के लिए जांच आयोग के गठन का भी फैसला लिया जा चुका है। एक समय सीएनजी फिटनेस कैंप घोटाले को लेकर काफी हंगामा देखने को मिला था और इस मामले की जांच भी शुरू हुई थी। हालांकि यह जांच कुछ समय तक ही चल सकी और तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और उपराज्यपाल नजीब जंग के आदेश आर इसे ठंडे बस्ते मे डाल दिया गया था।

वहीं अब आप सरकार शीला के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इस जांच को दोबारा शुरू कर दी है। सरकार का कहना है कि इस मामले को लेकर शीला के खिलाफ उनके के कई पुख्ता सबूत हैं जो शीला को दोषी ठहराने के लिए काफी हैं। आपको बता दे कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव 2013 में कहा था कि शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार के उनके पास कई पुख्ता सबूत हैं जिसके माध्यम से वह उन्हे सलाखों के पीछे पहुंचा देंगे। विरोधी पार्टियों ने केजरीवाल पर उनके इसी वक्तव्य को लेकर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद केजरीवाल अपने उन वादों को भूल गये।

आपको यह भी बता दें कि वर्ष 2013 मे हुए विधानसभा चुनाव मे केजरीवाओल ने शीला दीक्षित को नई दिल्ली विधानसभा सीट से करीब एक लाख वोटों से मात दी थी और कांग्रेस के सहयोग से वह दिल्ली के नए मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि बाद में केजरीवाल ने 49 दिन सत्ता अपने साथ मे रखने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अब इसी वर्ष शुरुआत मे हुए विधानसभा चुनाव मे आप ने प्रतिद्वंदीयों के चारो खाने चित करते हुए पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है।

 

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