सपा ने अखिलेश सरकार के मंत्रियों से मांगा कामकाज का हिसाब

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, लखनऊ। सरकारी विज्ञापनों में विकास के पथ पर तेजी से दौड़ रहे उत्तर प्रदेश के विकास की समीक्षा का समय आ गया है। यही वजह है कि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव राम गोपाल यादव ने अखिलेश सरकार के 56 मंत्रियों से उनका रिपोर्ट कार्ड मांगा है। जिसके लिए पार्टी हाईकमान की ओर से मंत्रियों को पत्र भेज दिया गया है। अंदरखाने कुछ ऐसी खबरों का बाजार गरम है कि जल्द ही पार्टी हाईकमान अखिलेश सरकार के मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव कर सकती हैैैै। जिसमें उन मंत्रियों पर गाज गिरेगी, जिन्होंने सरकार की छवि को बट्टा लगाया है।
अखिलेश सरकार के वर्तमान मंत्रिमंडल में 26 कैबिनेट, 25 राज्यमंत्री व 5 स्वतंत्र प्रभार मंत्री हैं। जिन्हें पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव की ओर से पत्र भेजकर अब तक के कार्यकाल की दस बड़ी उपलब्धियों का ब्यौरा पार्टी मुख्यालय में जमा करने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि यह ब्यौरा पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के कहने पर मंगवाया गया है। खबर है कि अखिलेश सरकार के तीन साल पूरे होने के साथ ही नेता जी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल चाहते थे। लेकिन जनता परिवार का मुखिया बनने के साथ राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ी व्यस्तताओं के चलते इस विषय पर फैसला नहीं ले सके। सूत्रों की माने तो मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड ही उनके भविष्य का निर्धारण करेंगे, क्योंकि पार्टी हाईकमान को इस बात का पूरा अंदाजा है कि 2017 में होने वाला विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए बहुत ही अहम होगा। जिसकी तैयारी के लिए अभी भी पार्टी के पास करीब 20 महीनों का समय बाकी है। यही वजह है कि पार्टी उपलब्धियों का हवाला देकर न सिर्फ अपने दागी मंत्रियों के पर कतर सकेगी, बल्कि साफ छवि वाले कुछ नए चेहरों को आगे कर डैमेज कंट्रोल भी कर सकेगी। वहीं दूसरी ओर मंत्रियों के खेमे में अपनी रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कुछ मंत्रियों ने अपने प्रमुख सचिवों को रिपोर्ट तैयार करने को दे दिया है, तो कुछ के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि वे अपनी उपलब्धियां गिनाएं कहां से। इन मंत्रियों में कई ऐसे हैं जिनके विभाग पुराने ढर्रे पर ही चलते आ रहे हैं, जिनमें किसी प्रकार का कोई नया प्रयोग नहीं किया गया। वहीं कुछ मंत्री ऐसे हैं जिनके विभाग द्वारा किए गए कार्य पार्टी के घोषणा पत्र का हिस्सा थे या फिर मुख्यमंत्री स्तर पर की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन, फिलहाल उन्होंने अपने स्तर पर कोई ऐसा फैसला नहीं लिया जिसे मंत्री जी की उपलब्धी के रूप में गिनाया जा सके। अब देखने वाली बात होगी कि अखिलेश सरकार के मंत्री अपने कामों का हिसाब कैसे देते हैं और उसका उनके भविष्य पर क्या असर पड़ेगा ?
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