समाजवादी पार्टी, कट्टरपंथी समूह और अन्य राजनैतिक दलों ने भड़काई हिंसा: UP DGP

लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ देश भर में हुए बवाल के बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह का एक बड़ा बयान आया है। डीजीपी ने इस पूरी हिंसा के लिए कट्टरपंथी समूहों और मुख्यधारा की राजनैतिक पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) समेत समाजवादी पार्टी को पश्चिमी यूपी में भड़की हिंसा के लिए उत्तरदायी कहा है।

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने पीएफआई दफ्तर के तीनों पदाधिकारियों मोहम्मद वसीम, नदीम अली, मोहम्मद अश्फाक को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने पूछताछ में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने के प्लान का खुलासा किया।

गौरतलब है कि यूपी डीजीपी का बयान उस समय आया है, जब राज्य में हुई 18 लोगों मौतों के लिए पुलिस को सवालों को घेरे में लिया जा रहा है। लेकिन, यहाँ यह भी देखने वाली बात है कि कट्टरपंथी समूह और समाजवादी पार्टी के बयानों में लगभग एक समानता है। क्योंकि दोनों ही इस हिंसा के लिए वर्तमान सरकार को और राज्य की पुलिस को जिम्मेदार ठहराना चाहते हैं।

Hindustan Times

@HindustanTimes

Radicals, mainstream parties instigating violence: UP DGPhttp://www.hindustantimes.com/india-news/radicals-mainstream-parties-instigating-violence-up-dgp/story-FxjO8S9gEVwDfaFqcMUi1M.html 

Radicals, mainstream parties instigating violence: UP DGP – india news – Hindustan Times

Uttar Pradesh’s director general of police (DGP) O P Singh’s comments come at a time when the police is under fire over 18 deaths in the state, including at least 14 from bullet injuries.

hindustantimes.com

See Hindustan Times’s other Tweets

यहाँ बता दें कि बीते रविवार को ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सारी हिंसा के लिए सरकारी मशीनरी को जिम्मेदार बताते हुए प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन को शांतिपूर्ण करार दे चुके हैं। लेकिन, वहीं डीजीपी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य के 7 जिलों में 100 करोड़ से ज्यादा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है। जिसके मद्देनजर प्रशासन ने उन पर कार्रवाई करने के भी आदेश दे दिए हैं।

एक जानकारी के अनुसार पुलिस ने अब तक राज्य में 925 लोगों को गिरफ्तार किया है और 213 मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा पुलिस ने संभल, कानपुर, रामपुर, लखनऊ, अलीगढ़, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और मेरठ जैसी जगहों 500 गैर-प्रतिबंधित कारतूस भी बरामद किया है। प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए गए देसी कट्टे भी पुलिस की पड़ताल में पाए गए हैं।

पुलिस महानिदेशक के मुताबिक चूँकि पुलिस ने हिंसा को रोकने के लिए कारतूस का इस्तेमाल किया ही नहीं, इसलिए ये बात स्पष्ट है कि दंगाईयों ने ही इन गोलियों का इस्तेमाल कर पुलिस पर हमला किया। इस कारण से कम से कम 62 पुलिसकर्मी घायल (गोली लगने से) हो गए। जबकि कुल घायल पुलिस वालों की संख्या 288 (गोली या अन्य तरह से चोटिल) है।

यहाँ बता दें कि यूपी में बीते दिनों हुई हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह के लिए नोटिस जारी कर उनसे चार हफ्तों में जवाब माँगा है। नोटिस में हिंसा के दौरान हुई मौतों, इंटरनेट सेवाओं को बाधित किए जाने और पुलिसकर्मियों द्वारा लोक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने जैसे बिंदुओं पर जवाब माँगा गया है।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button