सामाजिक-आर्थिक जनगणना पेश, जातिगत आंकड़े अभी पेश नहीं

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। आठ दशक में पहली बार जारी किए गए सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना के आंकड़ों में उल्लेख किया गया है कि भारत में सिर्फ 4.6 फीसदी ग्रामीण परिवार आयकर का भुगतान करते हैं जबकि इस तरह की सैलरी वाले परिवार करीब 10 फीसदी हैं।
इसमें उल्लेख किया गया है कि 3.49 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी) परिवार इनकम टैक्स भरते हैं जबकि 3.34 फीसदी अनुसूचित जनजाति ग्रामीण परिवार इनकम टैक्स भरते हैं। जनगणना रिपोर्ट को जारी करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस डेटा से सरकारी पॉलिसियों की बेहतर टारगेटिंग में मदद मिलेगी। उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘यह आंकड़े पॉलिसी प्लानिंग के संबंध में लक्षित समूह तक हमें पहुंचने में मदद करेंगे।’उन्होंने कहा कि आंकड़े से भारत की वास्तविकता सामने आएगी और केंद्र एवं राज्य सरकारों, दोनों के पॉलिसीमेकर्स के लिए अहम होंगे। 1932 के बाद जारी किया गया यह पहला जनगणना है और इसमें क्षेत्र, समुदाय, जातिए एवं आर्थिक ग्रुप तथा भारत में गृहस्थों की प्रगति के उपाय के संबंध में विभिन्न जानकारी दी गई। लेकिन, इस रिपोर्ट में जातिगत आंकड़े पेश नहीं किए गए हैं। जातिगत आंकड़ों के बारे में ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह ने कहा कि आंकड़े कब जारी होंगे यह ‘रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया’ बताएंगे।
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