साल 2014 में दलितों के खिलाफ 47 हजार से ज्यादा क्राइम, हरियाणा में 21 की हत्या

नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भले ही यह दावा करें कि मौजूदा शासन के तहत दलितों के खिलाफ हमले बढ़े हैं लेकिन नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरों के आंकड़ें इसके उलट कुछ और कहते हैं। NCRB के डेटा के मुताबिक पिछले कुछ सालों में जब UPA सरकार सत्ता में थी तो उस दौरान अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई थी।
साल 2014 में दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों के 47,064, 2013 में 39,408, साल 2012 में 33,655, साल 2011 में 33,719, साल 2010 में 32,712 और साल 2009 में 33,594 मामले दर्ज किए गए थे। कुछ राज्यों में स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनके यहां राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा दलितों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले दर्ज किए गए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष भले ही दलितों के खिलाफ हिंसा को लेकर नाराजगी जाहिर करें लेकिन आंकड़ें बताते हैं कि साल 2014 में 744, साल 2013 में 676, साल 2012 में 651, साल 2011 में 673, साल 2010 में 570 और साल 2009 में 624 दलितों की हत्या कर दी गई।
हरियाणा जहां, पिछले अक्टूबर तक कांग्रेस की सरकार थी, वहां साल 2014 में अनुसूचित जाति के 21 लोगों की हत्या की गई। इसके अलावा साल 2014 में 2,233 दलित महिलाएं बलात्कार का शिकार हुईं, 2013 में यह आंकड़ा 2,073, साल 2012 में 1,576, साल 2011 में 1,557, साल 2010 में 1,349 और साल 2009 में 1,346 था।
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