सिंचाई घोटाला : पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार तटकरे पर कसा शिकंजा

मुंबई। एसीबी ने सिंचाई घोटाले में एनसीपी नेताओं अजित पवार व सुनील तटकरे पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दोनों नेताओं को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर रहने को कहा गया है। बाणगंगा सिंचाई परियोजना से जुड़े घोटाले के दौरान अजित पवार उपमुख्यमंत्री और सुनील तटकरे जलसंपदा मंत्री थे। एसीबी के समन में तटकरे को 15 सितंबर को एसीबी आफिस में हाजिर रहने को कहा गया है। जबकि अजित को 16 सितंबर को बुलाया गया है।
अगर दोनों निर्धारित समय पर हाजिर नहीं हुए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। गौरतलब है कि दोनों नेताओं को 10 मई को भी एसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन वे हाजिर नहीं हुए थे। इसके बाद उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट देते हुए लिखित जवाब देने की इजाजत दी गई थी। एसीबी ने 25 अगस्त को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एफए कंस्ट्रक्शन, एफए इंंटरप्राइजेज और छह इंजीनियरों के खिलाफ प्राथमिकी एफआईआर दर्ज की थी। बाणगंगा परियोजना में 1600 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप है।
क्या है मामला
वर्ष 2009 में आघाड़ी सरकार ने रायगढ़ जिले के पेण इलाके में बाणगंगा नदी पर बांध बनाने का फैसला लिया था। इसको अजित की अगुआई वाली परिषद ने मंजूरी दी थी। इसके लिए टेंडर निकालने का काम कोंकण सिंचाई विकास कार्पोरेशन की देखरेख में हुआ। लेकिन आरोप है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ और फर्जी दस्तावेजों के सहारे एफए कंस्ट्रक्शन ने यह ठेका हासिल किया था।
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